नई दिल्ली: अमरनाथ यात्रियों की बस पर सोमवार की रात आतंकियों ने हमला कर दिया. इसमें 7 श्रद्धालुओं की मौत और 15 से ज्यादा घायल हो गए. बताया जा रहा है कि ड्राइवर सलीम की सूझबूझ से बाकी यात्रियों की जान बच गई. उसने फायरिंग होते ही बस तेजी से भगानी शुरू कर दी और उसे सुरक्षित स्थान पर रोका.

ड्राइवर सलीम के भाई जावेद मिर्जा ने कहा, सलीम ने मुझे रात 9.30 बजे कॉल किया और गाड़ी पर फायरिंग की जानकारी दी. उसने मुझसे कहा, जहां फायरिंग हो रही थी वहां मैंने गाड़ी नहीं रोकी. श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित जगह मिलने पर ही मैंने गाड़ी रोकी.

जावेद ने कहा, वह 7 लोगों की जान नहीं बचा सका. लेकिन 50 लोगों को सुरक्षित स्थान तक ले जाने में सफल रहा. हमें उस पर गर्व है.

जिस वक्त बस में हमला हुआ कई यात्री सो रहे थे. फायरिंग की आवाज सुन वे जगे. पहले उन्हें लगा कि पटाखे की आवाज है. लेकिन, कुछ ही सेकेंड में वह समझ गए कि आतंकियों ने उन्हें निशाना बनाया है. हालांकि, तबतक ड्राइवर ने स्पीड बढ़ा दी थी.

वहीं पुलिस का कहना है कि बस ड्राइवर नियमों को तोड़ते हुए श्रद्धालुओं को लेकर आगे बढ़ा. बस का अमरनाथ श्राइन बोर्ड से रजिस्ट्रेशन नहीं था. उसने अनिवार्य सुरक्षा नियमों का भी पालन नहीं किया. बस गुजरात की थी, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर GJ09Z9976 था. दो दिन पहले ही उसने यात्रा समाप्त की थी और श्रीनगर में ही रुका था.