लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि लेखक अपनी लेखनी के माध्यम से समाज की ज्वलंत समस्याओं का समाधान कर समाज को नई दिशा दिखाता है। वह भविष्य की पीढ़ियों का मार्गदर्शन करता है। ऐसे में लेखकों को सामाजिक समर्थन और प्रोत्साहन दिया जाना जरूरी है।

मुख्यमंत्री आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में उदय महुरकर द्वारा लिखित पुस्तक ‘मार्चिंग विद अ बिलियन: एनालाइजिंग नरेन्द्र मोदीज़ गवर्नमेण्ट एट मिड टर्म’ के विमोचन अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने उदय महुरकर को पुस्तक लेखन के लिए बधाई और शुभकानाएं देते हुए कहा कि यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व मंे चल रही केन्द्र सरकार के ढाई-तीन वर्षाें के कार्यकाल का विश्लेषण प्रस्तुत करती है। उन्होंने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी जी के सार्वजनिक जीवन में आने के बाद उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर देश-विदेश में ढाई से अधिक पुस्तकें लिखी गयी हैं। प्रधानमंत्री जी कई लेखकों के प्रेरणास्रोत रहे हैं।

योगी जी ने कहा कि वर्ष 2014 के पहले देश में अराजकता और अव्यवस्था की स्थिति थी। लोगों का विश्वास राजनीति और राजनैतिक व्यक्तियों में नहीं रह गया था। देश का आर्थिक विकास रुक गया था। 26 मई, 2014 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र की सरकार के सत्ता में आने के बाद विकास की एक नई इबारत लिखी गयी। विदेशों में भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सम्मान बढ़ा। प्रधानमंत्री की अभी हाल ही की अमेरिका व इजराईल की यात्रा इस बात का प्रमाण है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश के 125 करोड़ लोगों का सम्मान बढ़ा है। केन्द्र सरकार अपनी नीतियों के चलते जन विश्वास की कटौती पर खरी उतरी है और उसने भारत का खोया हुआ गौरव स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि इसके पहले राष्ट्र के विकास और प्रगति की तुलना में वोट बैंक की राजनीति महत्वपूर्ण हुआ करती थी, जबकि वर्ष 2014 के बाद केन्द्र सरकार की नीतियां लोक लुभावन न होकर लोक कल्याण की भावना से प्रेरित रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सत्ता का विकेन्द्रीकरण हुआ है। ग्राम सभा को विकास की इकाई मानते हुए 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के मद्देनजर विकास का पैसा सीधे ग्राम सभा को भेजा जा रहा है। किसान का हित अब सरकार के एजेण्डे में है। प्रधानमंत्री ने किसान हित और कृषि को प्राथमिकता देते हुए कई योजनाएं लागू की हैं, जिसमें ‘स्वायल हेल्थ कार्ड, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना प्रमुख हैं। इन योजनाओं से किसान आत्मनिर्भर और समृद्ध हो रहा है। किसान को उसकी उपज के सही मूल्य दिलाने तथा उसकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने की दिशा में कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि किसान हित के लिए पूर्व की सरकारों के कार्यकाल में नारे तो बहुत लगे लेकिन उसे आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य नहीं किया गया, जिससे वह लगातार बदहाल होता चला गया।