जल्द होने वाले हैं 200 रुपये के नए नोट के दर्शन, छपाई शुरू: रिपोर्ट
नई दिल्ली: नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद पैदा हुई नकदी की ज़ोरदार मांग को पूरा करने के लिए जल्द ही भारत में 200 रुपये का नोट भी नज़र आने लगेगा. केंद्र सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि भारतीय रिज़र्व बैंक, यानी रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने नोट छापे जाने का ऑर्डर दे दिया है. हालांकि 200 रुपये के इस नोट के डिज़ाइन को लेकर आधिकारिक रूप से कोई जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें पहले से चल रही हैं.
आरबीआई ने 200 रुपये के नोट छापने का फैसला वित्त मंत्रालय से विचार-विमर्श के बाद कथित रूप से मार्च में किया था. सरकारी प्रिंटिंग प्रेसों में छापे जा रहे इन नोटों को क्वालिटी और सुरक्षा के लिहाज़ से कई तरह की जांच से गुज़रना पड़ रहा है.
वर्ष 2016 में 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक घोषणा कर दी थी कि उसी रात 12 बजे से उस समय तक प्रचलन में रहे 1,000 तथा 500 रुपये के नोट बंद हो जाएंगे, और इस घोषणा से देशभर में चल रही 85 फीसदी नकदी खत्म हो गई थी. कर चोरों की धरपकड़ के उद्देश्य से उठाए गए इस कदम के बाद प्रतिबंधित नकदी को बैंकों में जमा कराने तथा नए नोट हासिल करने के लिए बैंकों तथा एटीएम पर अभूतपूर्व तरीके से लम्बी-लम्बी लाइनें लगी रही थीं.
जल्द ही 2,000 तथा 500 रुपये के नए नोट जारी किए गए, ताकि देशभर में नकदी का भारी संकट झेल रहे करोड़ों नागरिकों की मुश्किल को कम किया जा सके.
इसी मुद्दे पर दाखिल की गई एक याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ही सरकार से कहा है कि जो लोग वाजिब वजहों से दिसंबर की डेडलाइन खत्म होने तक अपने पुराने नोट जमा नहीं करवा पाए थे, उन्हें एक अवसर और दिया जाना चाहिए. देश के प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर ने केंद्र सरकार तथा आरबीआई से कहा, "यदि आप उन्हें अवसर नहीं देते हैं, तो यह गंभीर मामला होगा…"
विशेषज्ञों का कहना है कि 200 रुपये का नोट आ जाने से लेनदेन आसान हो जाएगा. वैसे, सोशल मीडिया पर बहुत-से लोग इस बात से चिंता में हैं कि कहीं नए नोट के आने से विमुद्रीकरण, यानी नोटबंदी का नया दौर न ले आया जाए.
हाल ही में सरकार ने 22 साल के अंतराल के बाद एक रुपये के नोट को भी दोबारा जारी करने का फैसला किया था. एक रुपये का नोट वर्ष 1994 में बंद कर दिया गया था. इसी के बाद दो रुपये तथा पांच रुपये के नोट भी बंद कर दिए गए थे, ताकि प्रिंटिंग प्रेसों में बड़ी रकम वाले नए नोट छापे जा सकें.
अधिकारियों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप रखने के लिए नोटों के सुरक्षा फीचरों को हर कुछ साल के बाद बदला जाएगा.