गुलजारी लाल नंदा जी सादगी एवं सहजता की प्रतिमूर्ति थे: राज्यपाल
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 गुलजारी लाल नंदा की 120वीं जयंती पर गुलजारी लाल नंदा स्मृति संस्थान द्वारा गांधी भवन में आयोजित कार्यक्रम में उनके चित्र पर माल्यार्पण करके अपनी आदरांजलि अर्पित की। इससे पूर्व उन्होंने प्रांगण में स्थापित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाकर अपना आदर व्यक्त किया। इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष श्री रामप्यारे त्रिवेदी, उपाध्यक्ष श्री नंद कुमार मनोचा, श्री जी0 पटनायक, श्री जगदीश गांधी एवं वरिष्ठ साहित्यकार श्री एस0पी0 दीक्षित सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। राज्यपाल ने इस अवसर पर स्व0 गुलजारी लाल नंदा के जीवन पर आधारित पुस्तक जिसमें उनके लेख एवं विचार भी सम्मिलित हैं, का लोकार्पण भी किया।
राज्यपाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि नंदा जी पर आधारित पुस्तक तथा उनके बारे में जानकारी लोगों तक पहुंचाने की जरूरत है। पुस्तक नयी पीढ़ी के साथ-साथ पुरानी पीढ़ी के लिये भी उपयोगी है। गुलजारी लाल नंदा जी सादगी एवं सहजता की प्रतिमूर्ति थे, उनका व्यवहार अतुलनीय है। आज के जनप्रतिनिधियों को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिये। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास की दृष्टि से नंदा जी का जीवन अनुकरणनीय है।
श्री नाईक ने कहा कि नंदा जी ने अपना सामाजिक जीवन पार्षद से शुरू किया। बाद में वे विधान सभा तथा विधान परिषद के सदस्य एवं महाराष्ट्र में मंत्री भी रहे। नेहरू जी एवं लालबहादुर शास्त्री के निधन बाद उन्होंने देश के प्रधानमंत्री पद के दायित्व को निभाया। कपड़ा मिलों के आंदोलन को उन्होंने आगे बढ़ाया। श्रम मंत्री के नाते उन्होंने श्रमिकों एवं कामगारों के लिये कानून बनाया और अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिये। इंटक की स्थापना में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को उनसे प्रेरणा प्राप्त करनी चाहिये।