सरकार ने नष्ट किया डीएसपी अयूब की हत्या का वीडियो
बड़े निर्मम ढंग से की गयी थी हत्या
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में डीएसपी मोहम्मद अयूब पंडित की पीट-पीटकर हत्या किए जाने का मामला देश भर में चर्चा का विषय रहा। सभी ने इस घटना की कड़ी आलोचना की। इस घटना के बारे में अब कुछ और जानकारियां भी सामने आई हैं। राज्य के वरिष्ठ अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि डीएसपी की हत्या का वीडियो बहुत ही हिंसक था। जिस कारण से राज्य सरकार ने सार्वजनिक नतीजों के डर से इसे खरीदा और नष्ट कर दिया। 57 साल के पुलिस अधिकारी का शव श्रीनगर के मुख्य मस्जिद के बाहर पाया गया था। जहां शब-ए-कदर (23 जून) की रात हजारों की संख्या में एकत्र हुए थे। बताया जा रहा था कि डीएसपी मोहम्मद अयूब हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता मीरवाइज उमर फारुख की सुरक्षा में तैनात थे।
वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक डीएसपी को नग्न कर दिया गया था और बुरी तरह से हिंसक तरीके के साथ उनके साथ मारपीट की गई थी। उनके हाथ और पैरों को मोड़ दिया और इस तरह से तोड़ गया था, जैसे गन्ने को तोड़ा जाता है। इस वीडियो को देखने वाले अधिकारी ने बताया कि इसके सोर्स और वीडियो को नष्ट करने के लिए वित्तीय उपाय किए गए। उन्होंने बताया कि इस वीडियो को किसी नागरिक ने शूट किया था, जो घाटी में कई एजेंसियों के लिए इनफॉर्मर का काम करता है। शीर्ष अधिकारी ने अपने कार्यालय और विषय दोनों की संवेदनशीलता के कारण नाम न छापने की शर्त पर यह बात बताई।
पोस्टमॉर्ट्म रिपोर्ट के मुताबिक पंडित के साथ भीषण हिंसा की गई थी। हिंसा के कारण उनके सिर पर घातक चोटें आई थी, जिसके कारण उनके महत्वपूर्ण अंग बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए थे। जिसके कारण उनकी मौत हो गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक डीएसपी पंडित के सिर पर कई गंभीर घाव, कई अंदरुनी चोंटे और कंधे के निकट खरोंच के कई निशान पाए गए थे। पुलिस ने अस्पताल से पूछा है कि जिन लोगों ने पंडित पर हमला किया है, उनके द्वारा तेजधार हथियारों का प्रयोग किया गया है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की पीट-पीटकर की गयी हत्या के मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की गई है। इस घटना ने पूरे कश्मीर में आक्रोश पैदा कर दिया और इसकी चौतरफा निंदा हो रही है। डीजीपी एसपी वैद ने बताया, ‘‘हमने इस मामले में 12 लोगों की पहचान की है और उनमें से पांच लोग अब तक गिरफ्तार किए जा चुके हैं।’’वैद ने कहा कि पुलिस इस मामले में शामिल किसी भी शख्स को नहीं बख्शेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या घटना के वक्त हुर्रियत कांफ्रेंस के नरमपंथी धड़े के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक जामिया मस्जिद में मौजूद थे, उन्होंने कहा, ‘‘यह जांच का विषय है।’’