असंतुलित लिंगानुपात चिंता का विषय है: राज्यपाल
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज संत गाडगे प्रेक्षागृह में संस्था संस्कार भारती उत्तर प्रदेश द्वारा कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित नाटक ‘माँ मुझे जीने दो’ का उद्घाटन किया। नाटक का लेखन एवं निर्देशन श्री अंजनी कुमार सिंह द्वारा किया गया था। संस्था के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री बाके लाल गौड ने संस्था का परिचय दिया। राज्यपाल ने इस अवसर पर श्री पी0के0 राय, श्री योगेन्द्र नाथ योगी, श्री विजय गोयल, श्री गुलशन राय मेहता, श्रीमती पूनम नेगी, श्री अरूण जग्गी, श्री सुनील मल्होत्रा सहित अन्य लोगों को ‘कलाकुंज भारती सम्मान 2017’ से तथा श्री अतुल सर्राफ, श्री शिवानन्द सिंह, श्रीमती शोभा सहाय एवं श्री अंजनी सिंह को ‘कला साधक सम्मान‘ से अलंकृत किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर ‘कलाकुंज भारती’ पत्रिका का लोकार्पण किया तथा श्रीमती विभा तिवारी की काव्य पुस्तक ‘जिन्दगी के सफर में’ का विमोचन भी किया।
राज्यपाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि कन्या भ्रूण हत्या एक बड़ी समस्या है। देश की आधी आबादी को मुख्यधारा से जोड़ने की जरूरत है। लिंगानुपात खतरे की स्थिति तक पहुंच चुका है। असंतुलित लिंगानुपात पर चिंता का विषय है। हमें समय की मांग पर विचार करना होगा। सामाजिक स्तर पर महिलाओं एवं बच्चियों की स्थिति बहुत संतोषजनक नहीं है। केन्द्र सरकार ने ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का मंत्र देकर वर्तमान में आशा की किरण जगायी है। उन्होंने कहा कि समाज के सामने इन बातों को लाने की आवश्यकता है।
श्री नाईक ने कहा कि इसके विपरीत एक और तस्वीर विश्वविद्यालयों में दिख रही है। लड़कियाँ शिक्षा के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। विश्वविद्यालयों में आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोहों में यह देखा गया है कि 65 से 70 प्रतिशत पदक लड़कियाँ प्राप्त कर रही हैं। बेटियाँ आगे बढ़ेगी तो निश्चित रूप से स्थितियाँ भी बदलेंगी। समाज में महिलाओं के प्रति अन्याय को दूर करने के लिये सभ्य समाज को आवाज उठानी चाहिये। उन्होंने कहा कि कुरीतियों को समाप्त करने का नाटक एक सशक्त संदेश है।
राज्यपाल ने कहा कि संस्कार भारती से उनका नजदीक का सम्पर्क रहा है। कन्या भ्रूण हत्या जैसे सामयिक और प्रासंगिक विषय को लेकर नाटक का मंचन सराहनीय है। ‘माँ मुझे जीने दो’ नाटक में मुंबई के बोरिवली से आये कलाकारों का अभिनन्दन करते हुये उन्होंने बताया कि बोरिवली से 1978 में वे पहली बार विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुये थे। 3 बार लगातार विधान सभा के सदस्य के बाद उसी क्षेत्र से 5 बार लगातार सांसद भी रहे।
राज्यपाल ने नाटक का मंचन देखा तथा उसकी सराहना करते हुये कहा कि संस्था संस्कार भारती द्वारा भारतीय संस्कृति में महिलाओं के विषय को लेकर नाटक सराहनीय है जो समाज को एक संदेश देता है।