देश में डर के लिए मेरे पास कोई जवाब नहीं: अमित शाह
कहा पहले की सरकारों में ज़्यादा हुए हैं मॉब लिंचिंग के केस
नई दिल्ली: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि एनडीए के तीन साल के शासन की तुलना में पहले की सरकारों में भीड़ के हाथों पीट-पीटकर हत्या करने के मामले अधिक हुए थे. शाह ने गोवा में एक कार्यक्रम के दौरान यह बयान दिया, हालांकि उन्होंने कहा कि वे किसी तरह की तुलना नहीं कर रहे हैं.
उन्होंने शनिवार शाम को कहा, 'मैं ना तो इसकी तुलना करना चाहता हूं और ना ही पीट-पीटकर हत्या की मौजूदा घटनाओं को कम आंकना चाहता हूं. इसे लेकर मैं भी गंभीर हूं. लेकिन साल 2011, 2012 और 2013 में भीड़ के हाथों पीट-पीटकर हत्या की घटनाएं कहीं अधिक हुई हैं.'
भाजपा नेता ने कहा, 'इस तीन साल के कार्यकाल के दौरान पीट-पीटकर हत्या करने की कुल घटनाओं की तुलना में इससे पहले हर साल ऐसी घटनाओं की संख्या कहीं अधिक रही है.' गौरतलब है कि एनडीए सरकार ने साल 2014 में सत्ता संभाली थी.
पीट पीटकर हत्या करने की घटनाओं को लेकर लोगों में डर के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देश में कहीं भी डर का माहौल नहीं है. उन्होंने कहा, 'क्या आप ऐसी किसी घटना के बारे में जानते हैं जिनमें गिरफ्तारियां नहीं की गई हों? डर के लिए मेरे पास कोई जवाब नहीं है. देश में कहीं भी डर का माहौल नहीं है.'
शाह ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है. जब मोहम्मद अखलाक भीड़ के हाथों मारे गये थे तब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और यह उनकी जिम्मेदारी थी.
उन्होंने कहा, 'लेकिन प्रदर्शन दिल्ली में नरेंद्र मोदी सरकार के सामने हुए. ये क्या फैशन है.' सितंबर 2015 में उत्तर प्रदेश के दादरी में बीफ रखने और खाने के संदेह में भीड़ ने अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.
झारखंड, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भीड़ के हाथों पीट-पीटकर हत्या करने के ऐसे कई मामलों के बाद देश के कई शहरों में पिछले महीने प्रदर्शन हुए थे.