बारिश ने खोली अखिलेश सरकार के घटिया निर्माण की पोल
(सत्य प्रकाश ) संवाददाता
लखनऊ । भाई साहब उधर मत जाना गड्ढा है…..आगे गये तो फँस जायेंगे…हर तरफ़ यही शब्द सुनने को मिले । दरअसल राजधानी मे हुई मानसून की पहली बारिश से राजधानी मे चारों हर जगह पानी भर गया था । राजधानी में मानसून की पहली बारिश ने विकास पथ यानी शहर में हुए विकास के कार्यों की परत धो रही है। एक ओर जहां सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का प्रयास हो रहा है वहीं मानसून की पहली बारिश ने पिछली सरकार की लुभावनी योजनाओं में हुए भ्रष्टाचार से पर्दा उठा दिया है। शनिवार को राजधानी क्षेत्र मे हुई बारिश से पिछली सरकार मे पुराने लखनऊ के आसिफि इमामबाडे के सौंदर्यीकरण कौबाल पत्थर से लगभग 35 करोड़ की लागत से बनाई गई 1.8 किलोमीटर की सड़क धँसकने लग गई है ।
मानसून की पहली बारिश में इन कोबाल पत्थरो ने खराब नींव होने की वजह से पत्थरो ने जवाब दे दिया । घंटाघर के सामने बिछी कोबाल स्टोन की सड़क धँसक गयी। नींव की मिट्टी बैठने से सड़क पर गहरे गड्ढे बन गए। करीब एक फुट का गढ्डा होने पर रस्ते में बल्लियां डाल दी गयीं। कोबाल स्टोन बिछाने से पहले रोड की फॉउण्डेशंन तैयार करने में मानकों का ध्यान नहीं दिया गया। नतीजन बरती गयी लापरवाही और सड़क बनाने में हुआ भ्रष्टाचार उभर के बाहर आगया। इस रोड का निर्माण पीडब्लूडी द्वारा कराया है।
पहले भी हुआ बवाल
आसिफि इमामबाडा के सामने बनी कोबाल स्टोन पर कुछ समय पहले कैबिनेट प्रदेश मंत्री आशुतोष टंडन और सुरेश पासी ने भी आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि पत्थर लगाए जाने की अनुमति किसने दी । इस काम के एएसआई से जिला प्रशासन और हुसैनाबाद ट्रस्ट ने अनुमति भी काम होने के बाद ली थी। संरक्षित स्मारक होने के नाते एएसआई ने दो दर्जन नोटिस जिला प्रशासन को भेजे थे लेकिन वे नज़रअंदाज़ करते रहे और कार्य जबरन किया गया । पूर्व कमिश्नर भुवनेश कुमार ने एएसआई महानिदेशक के आदेश पर जिला प्रशासन और ट्रस्ट को तत्काल कोबाल स्टोन बिछाने का कार्य रोकने का निर्देश भी दिया लेकिन वे आदेश भी किनारे कर दिये ।
रास्ता नही हुआ डायवर्ट
रूमी दरवाज़े के अगल बगल से भारी संख्या में गाड़ियां निकलती हैं। भारी वाहनों के निकलने पर वाइबरेशन पैदा होती हैं जिससे रूमी दरवाज़े में दरारें पढ़ने लगी थीं। तब से एएसआई की ओर लगातार ट्रैफिक को डाइवर्ट करने के लिए पत्र लिखे गए लेकिन नतीजा कुछ न निकला । पुराने लखनऊ के सौन्दर्यकरण के काम के बाद इसे नो व्हीक्ल ज़ोन घोषित किया जाएगा लेकिन अब तक ऐसा किया नही गया ।