राज्यपाल ने छत्रपति शाहूजी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ब्राउन हाल में छत्रपति शाहूजी महाराज स्मृति मंच द्वारा आयोजित छत्रपति शाहूजी महाराज जयंती के अवसर पर उनकी प्रतिमा एवं चित्र पर पुष्प अर्पित करके अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्यपाल ने इस अवसर पर पौधा भी रोपित किया। समारोह में प्रदेश सरकार के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एम0बी0 भट्ट, पद्मश्री प्रो0 एस0एन0 कुरील तथा छत्रपति शाहूजी महाराज स्मृति मंच के अध्यक्ष रामचन्द्र पटेल सहित बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, चिकित्सक तथा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
राज्यपाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज में बराबरी और समता लाने की भूमिका में कई महानुभावों ने काम किया है। ऐसे महानुभावों में जिन्होंने समता की नींव डाली, उनमें छत्रपति शाहूजी महाराज का एक बड़ा नाम है। राज्यपाल ने शाहूजी महाराज को अपनी आदराजंलि देते हुए अपने बारे में बताया कि जिस रियासत के छत्रपति शाहूजी राजा थे उसी रियासत के वे रहने वाले हैं। शाहूजी महाराज का सरकार चलाने वाला जो तंत्र था वह सीधा छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़ा हुआ था। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज से लेकर छत्रपति शाहूजी महाराज तक ने जिस तरह से शासन चलाने का कार्य किया वह सराहनीय है।
श्री नाईक ने कहा कि शाहूजी महाराज ने अपने राज्य में कमजोर और वंचितों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिये 50 प्रतिशत का आरक्षण लागू किया था। उन्होंने शोषित समाज के लिए शिक्षा की व्यवस्था के साथ-साथ लड़कियों के लिए निःशुल्क शिक्षा की भी व्यवस्था की। शाहूजी ने पुणे की तरह कोल्हापुर को शिक्षा नगरी के तौर पर विकसित किया। राज्यपाल ने कहा कि छत्रपति शाहूजी महाराज के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि शिक्षा का ज्यादा से ज्यादा प्रसार हो।
राज्यपाल ने कहा कि कोल्हापुर का विशेष स्थान है। छत्रपति शाहूजी महाराज ने 28 वर्ष की आयु में आरक्षण का निर्णय लिया तथा कोल्हापुर में महिला शिक्षा के लिए विशेष प्रावधान किये। दूरदर्शी होने के कारण छत्रपति शाहूजी ने शिक्षा, महिला उत्थान तथा शिक्षा के प्रकाश को घर-घर पहुँचाने के लिए अद्भुत कार्य किया। शिक्षा के कारण ही कोल्हापुर कृषि के क्षेत्र में भी आगे है। गन्ने के लिये कोल्हापुर विख्यात है। शाहूजी महाराज भविष्यदृष्टा थे और सबको साथ लेकर काम करना उनकी विशेषता थी। उन्होंने कहा कि देश को आगे ले जाने के लिये हमें जाति, धर्म और समुदाय से ऊपर उठकर सोचना होगा।
शाहूजी महाराज की जयन्ती को लेकर भ्रम की स्थिति को स्पष्ट करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में छत्रपति शाहूजी महाराज का जन्म दिवस 26 जुलाई को मनाया जाता था जबकि महाराष्ट्र में 26 जून को मनाया जाता है। इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार को उन्होंने एक पत्र भेजकर प्रमाणिक तिथि बताने का अनुरोध किया था। जिस पर महाराष्ट्र सरकार ने ऐतिहासिक रूप से प्रमाणिक तिथि 26 जून को ही छत्रपति शाहूजी महाराज का जन्म दिवस होने की पुष्टि की। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि अब जयन्ती समारोह सही तिथि पर आयोजित किया जा रहा है।
प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि शाहूजी महाराज ने समतामूलक समाज का जो सपना संजोया था, हम सब मिलकर उनके इस चिन्तन को आगे बढ़ाये यहीं उनके प्रति सबसे बड़ा सम्मान है। महाराष्ट्र और गुजरात संतों की भूमि हैं। डा0 अम्बेडकर शाहूजी की ही देन हैं, जिन्होंने शक्तिशाली और लोकतंत्र के लिये मजबूत संविधान की रचना की। उन्होंने कहा कि छत्रपति शाहूजी महाराज दूरदर्शी व्यक्ति थे और आरक्षण के जनक थे। वे चाहते थे कि गरीबों का विकास में हिस्सा हो और राज्य की गति में उनका भी योगदान हो।
राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए अनेक लोगों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया।