‘मेक इन यूपी’ से होगा पूर्वांचल-बुन्देलखण्ड में औद्योगिक विकास
लखनऊ: गन्ना किसानों को 23 हजार 500 करोड़ का भुगतान किया गया है जो अपने आप में रिकार्ड है और जन सहयोग केन्द्र में आने वाले 90 प्रतिशत लोगों की समस्या के त्वारित निदान किया जा रहा है। प्रदेश की योगी सरकार जन सरोकारों को समार्पित सरकार है।
उद्योग व गन्ना राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुरेश राणा ने यह जानकारी दी। वे मंगलवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर जनसहयोग केन्द्र में जनता की समस्याओं का निस्तारण कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सात शहरों में 1-1 हजार एकड़ में थीम पार्क (पर्यटन नगर) विकसित किए जाएंगे जिसमें इन शहरों का इतिहास व संस्कृति प्रदर्शित की जाएगी। इस पार्क में सात सितारा होटल, छोटे होटल, रेस्त्रा, कंवेशन सेन्टर, गेमिंग जोन, मोनों रेल की सुविधा होगी ताकि पयर्टकांे को आकर्षित कर स्थानीय उद्योग-धंधों को बूम दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि औद्योगिक निवेश व रोजगार प्रोत्साहन नीति 2017 का प्रारूप तैयार किया गया है जिसमें उद्योग एवं सेक्टर आधारित निवेश को बढ़ावा दिया जायेगा।
ई कामर्स माड्यूल पर बिकेगी चीनी
श्री राणा ने बताया कि चीनी विक्रय के लिए ई-कामर्स माड्यूल का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस माड्यूल के जरिए चीनी मिलों के चीनी विक्रय में पारदर्शिता लाई जायेगी। सहकारी चीनी मिलों में स्टीम व पावर खपत कम करने के लिए 24 में 23 का तकनीकी उन्नयन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2 लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में गन्ना उत्पादन किया जा रहा है। किसानों का गन्ना शत प्रतिशत खरीदने के लिए आवश्यकता पड़ी तो नई चीनी मिलें खोली जाएगी। राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुरेश राणा जी के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष जसवंत सैनी एवं प्रदेश मंत्री कौशलेन्द्र सिंह भी समस्याओं के समाधान में जुटे।