भ्रष्टाचार और कालेधन की लड़ाई निर्णायक दौर में: शलभ मणि त्रिपाठी
लखनऊ: नरेंद्र मोदी जी की सरकार की कोशिशों से भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ लड़ाई निर्णायक दौर में पहुंच गयी है।
प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम का ही नतीजा है कि सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही जनधन के हजारों बेनामी खाते सामने आए हैं। इन खातों में नोटबंदी के बाद करीब 130 करोड़ रूपए से ज्यादा की कालेधन की रकम जमा करने की बात भी सामने आ रही है। सरकार ने इन खातों की जांच शुरू कर दी है। बहुत जल्द वो चेहरे सामने होंगे जिन्होंने नोटबंदी के दौरान कालाधन बचाने के लिए बेनामी खातों में पैसे जमा किए। खुद प्रधानमंत्री जी ने यूपी की अपनी रैली में इस बात का खुलासा किया था कि नोटबंदी के बाद से जनधन खातों में गरीबों के नाम से तमाम फर्जी खाते खुलवा कर उसमें पैसे जमा किए गए हैं। प्रधानमंत्री जी ने ये अपील भी की थी कि जिन लोगों के खातों में दूसरे लोगों ने पैसे जमा कराएं हैं वो लोग अपने खातों से पैसा ना निकालें। स्विस बैंक में जमा पैसों के ब्यौरों के आदान प्रदान को लेकर हाल ही में स्विट्जरलैंड से हुआ समझौता भी भारत सरकार के लिए एक बड़ी कामयाबी है। इससे बहुत जल्द स्विस बैंक में जमा कालेधन की जानकारी मिलने लगेगी। मोदी जी की अगुवाई में भारत सरकार ने काफी वक्त से इस सममझौते के लिए स्विट्जरलैंड सरकार पर दबाव बना रखा था। इस समझौते के लिए भारत सरकार बधाई की पात्र है।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि केंद्र की सरकार भ्रष्टाचार के चलते ध्वस्त हो चुकी व्यवस्थाओं को दुरूस्त कर पटरी पर लाने के काम में दिन रात जुटी हुई है। महज तीन सालों के भीतर केंद्र सरकार ने अपने फैसलों से ये साबित भी कर दिया है कि भ्रष्टाचारियों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। चाहे वो कितने ही ताकतवर क्यों न हो। केंद्र सरकार की मुहिम के तहत ही तमाम भ्रष्टाचारियों के ठिकानों पर आयकर विभाग रोज छापेमारी कर रहा है। इसके चलते भ्रष्टाचार के तमाम मामले पकड़ में आने लगे हैं और भ्रष्टाचारी जेल भेजे जाने लगे हैं। केन्द्र सरकार की तमाम और एजेंसियों को भी इस काम में लगाया गया है। इस बीच यूपी में जनधन खातों में अचानक आए पैसे इस बात का सबूत हैं कि किस तरह भ्रष्टाचारियों में खौफ है।
प्रदेश प्रवक्ता श्री त्रिपाठी ने कहा कि बेनामी खातों में मिले पैसे देश की गरीब और ईमानदार जनता के पैसे हैं और इन पैसों पर देश की गरीब जनता का ही हक है। देश के प्रधानमंत्री जनता को उनका हक दिलाने का काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जी की अगुवाई में चल रही केंद्र सरकार के तीन साल पूरे हो चुके हैं और इन तीन सालों में भ्रष्टाचार का एक भी मामला सामने नहीं आया है। जिस देश में जनता ने दस साल के यूपीए के शासन में भ्रष्टाचार की तमाम करामातें देखी हो, वहां मोदी जी की अगुवाई में चल रही सरकार वाकई एक नजीर है। बैंक खातों को आधार कार्ड से जोड़ने की मुहिम और लेने-देन का ब्यौरा पुख्ता कराने का अभियान भी भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है और इस प्रयास के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी बधाई के पात्र हैं।