ईदमीलादुन्नबी की छुटटी का समाप्त करना सरकार का दुर्भागपूर्ण कदम: सैयद अयूब अशरफ किछौछवी
लखनऊ : मदनी मसकन हाल, बालागंज, लखनऊ में आॅल इण्डिया मोहम्मदी मिशन के तत्वाधन व सैयद मोहम्मद अहमद मियाॅ की देखरेख मे रोज़ इफतार व जश्न-ए-मौला-ए-काएनात हज़रत अली का कार्यक्रम व नज़र का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता आॅल इण्डिया मोहम्मदी मिशन के अध्यक्ष श्री सैयद अयूब अशरफ किछौछवी ने की। कार्यक्रम में मुख्य रूप से मौलाना सैयद अबुबक्र शिब्ली, मौलाना सैयद तलहा अशरफ किछौछवी अध्यक्ष मिनहाजुस सुफिया, कारी गुलाम सुब्हानी प्रबन्धक मरकज़ी दारूल केरात, मौलाना अनुल हक प्रबन्धक मदरसा कादरिया नक्शबन्दिया, कारी आरिफ रज़ा रिज़वी अध्यापक मदरसा अशरफिया बरकाते रज़ा, सैयद मोहम्मद अरशद अध्यक्ष सुन्नी हुसैनी बोर्ड, सचिव, सैयद मोहम्मद राशिद, उपाध्यक्ष सैयद जुनैद अशरफ, सैयद मोहम्मद हाशिम प्रदेश अध्यक्ष मोहद्दीस-ए-आज़म मिशन, फैज़ान आतिक फिरंगी महली सचिव मौलाना अतिक मियाॅ फाउण्डेशन आदि अधिक संख्या में लोग सम्मलित हुए। कार्यक्रम में वक्ताओं ने हज़रत अली की जीवन चरित्र पर रोशनी डाली और उनकी षिक्षा को हर वर्ग व धर्म तक पहुचाने की बात कही तथा 2/3 दिसम्बर 2017 बारह रबीअव्वल मे निकाले जाने वाले जुलूस-ए-मोहम्मदी के सम्बन्ध में विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए मिशन के अध्यक्ष सैयद अयूब अशरफ किछौछवी ने कहा कि लगभग 8 वर्षेा से जुलूस के मार्ग के विस्तार की अनुमति के सम्बन्ध में शासन/प्रशासन को प्रस्तावित मार्गो की सूची प्रस्तुत की जा चुकी है और इस सम्बन्ध में माननीय मुख्यमंत्री महोदय को भी एक ज्ञापन दिनांक 15 जून 2017 को दिया गया है ताकि समय रहते हुए इस विषय पर कोई उचित कदम उठाया जा सके। प्रदेष सरकार का नारा है सबका साथ सबका विकास और पिछली सरकारांे ने जिस तरह हमारी इस मांग पर विचार नही किया और हमेषा सुफी विचारधारा के लोगो को दबाने का काम किया गया हमें इस सरकार से आशा ही नही पूर्ण विश्वास है कि 80 प्रतिशत सुफी विचारधारा के मुसलमानों की आस्था एवं ज्वालन्तशील विषय का निदान अवश्य करेगी। श्री अशरफ ने अफसोस जताते हुए कहा कि सुन्नी सुफी विचारधारा के सबसे बडे़ पर्व यानि ईदमीलादुन्नबी की छुटटी जो की सर्वाजनिक अवकाश के रूप में केन्द्र सरकार द्वारा दी गयी थी उसे योगी सरकार ने समाप्त करके बहुत ही दुर्भागपूर्ण कदम उठाया है मिशन प्रदेश सरकार से मांग करता है की पैगम्बर इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्ललाहो अलेही वस्ललम के जन्म दिवस की इस छुटटी पर विचार करते हुए इसे पूनः बहाल करने का कष्ट करें।