CT: मेज़बान इंग्लैंड को धराशायी कर पाकिस्तान फाइनल में
कार्डिफ: पाकिस्तानी क्रिकेट टीम आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी, 2017 के फाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम बन गई है. अब फाइनल में उसका मुकाबला गुरुवार को भारत और बांग्लादेश के बीच एजबेस्टन में भारतीय समयानुसार दोपहर तीन बजे से होने वाले दूसरे सेमीफाइनल की विजेता टीम से होगा. पाकिस्तान ने बुधवार को एजबेस्टन के सोफिया गार्ड्न्स, कार्डिफ में खेले गए पहले सेमीफाइनल में इंग्लैंड को करारी मात दी. इसके साथ ही इंग्लैंड का 42 साल से आईसीसी का वनडे टूर्नामेंट जीतने का ख्वाब एक बार फिर ख्वाब ही रह गया. टॉस हारने के बाद इंग्लैंड की पूरी टीम 49.5 ओवर में महज 211 रनों के स्कोर पर ही सिमट गई. जबाव में पाकिस्तान ने 212 रनों के लक्ष्य को ओपनर फखर जमां और अजहर अली के शानदार अर्द्धशतकों की मदद से 37.1 ओवर में दो विकेट खोकर 215 रन बनाते हुए हासिल कर लिया. इस जीत में बल्लेबाजों से अधिक पाकिस्तान के गेंदबाजों का योगदान रहा, जिन्होंने पूरे टूर्नामेंट में बल्ले से धमाका कर चुके इंग्लैंड के बल्लेबाजों को उनके ही घर में धराशायी कर दिया और वह बेहद हल्का लक्ष्य ही दे पाए, इसीलिए पाक गेंदबाज हसन अली को मैन ऑफ द मैच का खिताब दिया गया.
पाकिस्तान की ओर से गेंदबाजी में हसन अली (3 विकेट), जुनैद खान और रुम्मन रईस (2-2 विकेट) का विशेष योगदान रहा. बल्लेबाजी में फखर जमां ने 57 रन (58 गेंद, 7 चौके, 1 छक्का) ठोके. उन्होंने 49 गेंदों में फिफ्टी बनाई. अजहर अली ने 76 रन (100 गेंद, 5 चौके, 1 छक्का) बनाए. उन्होंने 68 गेंदों में 11वीं फिफ्टी पूरी की. फखर और अजहर ने 118 रन की ओपनिंग पार्टनरशिप की. फखर के आउट होने पर अजहर ने बाबर आजम के साथ दूसरे विकेट के लिए 55 रन जोड़े. बाबर आजम (38 रन, 45 गेंद, 2 चौके, 1 छक्का) और मोहम्मद हफीज (31 रन, 21 गेंद, 3 चौके, 2 छक्के) नाबाद लौटे. दोनों ने तीसरे विकेट के लिए नाबाद 42 रन जोड़ते हुए टीम को जीत दिला दी.
इंग्लैंड की नजरें 50 ओवरों में अपने पहले आईसीसी खिताब पर थीं. इस बार उसे दावेदार भी माना जा रहा था, लेकिन एक बार फिर उसका यह सपना, सपना ही रह गया. तीन बार विश्व कप फाइनल खेल चुका इंग्लैंड पिछले 42 साल में 50 ओवरों के क्रिकेट का कोई खिताब नहीं जीत सका है. वहीं पाकिस्तान ने 1999 विश्व कप के बाद आईसीसी के 50 ओवरों के किसी भी टूर्नामेंट के फाइनल में पहली बार प्रवेश किया है. आखिरी बार पाकिस्तान ने 2011 विश्व कप के सेमीफाइनल में जगह बनाई थी. इसके बाद वह कभी आईसीसी के 50 ओवरों के टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच सका था. इस बार छह साल बाद पाक टीम सेमीफाइनल में पहुंची थी.
पाकिस्तानी गेंदबाजों ने श्रीलंका के खिलाफ खेले गए 'नॉकआउट' से भी अच्छी गेंदबाजी की, जबकि उसके मुख्य तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर मैच से ठीक पहले पीठ में खिंचाव के चलते बाहर हो गए थे. जुनैद खान और हसन अली की अगुवाई में पाक गेंदबाजों ने टूर्नामेंट में अब तक फॉर्म में चल रहे इंग्लिश बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का मौका ही नहीं दिया. हसन अली ने 10 ओवरों में 35 रन देकर तीन विकेट झटके, जबकि जुनैद खान ने 8.5 ओवर में 42 रन देकर दो विकेट अपने नाम किए. रुम्मन रईस ने नौ ओवर में 44 रन देकर दो विकेट लिए. शादाब खान ने एक विकेट लिया. दो बल्लेबाज रनआउट हुए. इंग्लिश टीम से जो रूट ने सबसे अधिक 46 रन (56 गेंद, 2 चौके) और जॉनी बेयरस्टॉ ने 43 रन (57 गेंद, 4 चौके) बनाए. बेयरस्टॉ को 27 और 43 रन के निजी स्कोर पर दो जीवनदान भी मिले, लेकिन फायदा नहीं उठा पाए. बेयरस्टॉ ने एलेक्स हेल्स (13 रन) के साथ पहले विकेट के लिए 34 रन जोड़े, फिर दूसरे विकेट के लिए जो रूट के साथ 46 रनों की साझेदारी की. रूट और मॉर्गन के बीच तीसरे विकेट के लिए 48 रन जुड़े. इसके बाद कोई भी बड़ी साझेदारी नहीं हो पाई. इयोन मॉर्गन ने 53 गेंदों में चार चौके लगाते हुए 33 रन बनाए. बेन स्टोक्स ने 64 गेंदों में 34 रन बनाए. पाक फील्डिंग भी काफी अच्छी रही. मोईन अली (11) का फखर जमां ने ग्रेच कैच पकड़ा.