मध्य प्रदेश : पुलिस की लाठियों से घायल एक और किसान
भोपाल के फंदा में किसानों पर लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले छोड़े गए
मंदसौर: मध्य प्रदेश मंदसौर में 7 जून को हुई हिंसा में घायल एक और किसान ने इंदौर के अस्पताल में दम तोड़ दिया है. घनश्याम को लाठियों से चोट लगी थी. दूसरी और किसानों का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को भोपाल के फंदा में किसानों ने तोड़फोड़ की. किसानों ने 4 गाड़ियों में आग लगाई. पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा.
उधर, मंदसौर में पुलिस फायरिंग में पांच किसानों की मौत से बने तनाव के बीच शुक्रवार को कर्फ्यू में ढील गई है. सुबह 10 बजे से शाम के 6 बजे तक शहरी इलाकों में कर्फ़्यू हटाया गया है, लेकिन धारा 144 लागू रहेगी. इस दौरान लोग अपने घरों से निकलकर ज़रूरी सामान ले सकेंगे. दूध, सब्ज़ियों के अलावा पेट्रोल पंप, एटीएम भी आज खुले रहेंगे. गुरुवार को भी थोड़ी देर के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई थी. इससे पहले गुरुवार को भी मालवा के शाजापुर में हिंसा भड़क गई. कई जगहों पर पुलिस पर पथराव, तोड़फोड़ और आगज़नी हुई. इसके बाद वहां सोशल मीडिया पर पाबंदी लगा दी गई. हिंसा फैलाने और डीएम के साथ मारपीट के आरोप में 156 लोगों को गिरफ्तार किया गया. मंदसौर के डीएम, एसपी और रतलाम के डीएम का ट्रांसफ़र कर दिया गया. इस बीच राज्य सरकार ने पहली बार माना कि पांचों किसानों की मौत पुलिस फ़ायरिंग में ही हुई है.
वहीं गुरुवार को मंदसौर में पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पुलिस द्वारा ऐहतियातन गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि इसके बाद उन्हें जमानत मिल गई. पुलिस ने उन्हें इस शर्त पर पीड़ित परिवारों से मिलने की इजाज़त दी कि वो राजस्थान की सीमा में उनसे मिलेंगे.रिहाई के बाद राहुल गांधी राजस्थान की सीमा में पीड़ित परिवारों से मिले. इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यहां लोगों पर गोली चलाई गई, लेकिन सरकार ने कहा कि गोली नहीं चलाई गई.. सरकार झूठ बोल रही है. यहां मैं पीड़ित से मिलने आया हूं तो इसमें क्या गलत है. मैं आरएसएस का आदमी नहीं हूं. मैं देश में कहीं भी जा सकता हूं. उन्होंने आगे कहा कि यूपी, मध्यप्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और अन्य कई जगहों पर किसान परेशान हैं. भाजपा की सरकार के पास लाखों करोड़ रुपया पड़ा है, लेकिन वो उसे किसानों को न देकर सिर्फ '50 लोगों' को देना चाहती है.
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने स्वीकार किया है कि मंगलवार को प्रदेश के मंदसौर जिला स्थित पिपलिया मंडी में किसानों के प्रदर्शन के दौरान पांच किसानों की मौत पुलिस फायरिंग से हुई है। इससे पहले पिछले दो दिनों से प्रदेश सरकार पुलिस फायरिंग से इनकार कर रही थी. इस पुलिस फायरिंग में पांच किसानों की मौत होने के साथ-साथ छह अन्य किसान घायल भी हुए थे. इसके चलते राज्य के पश्चिमी भाग में अपनी उपज का वाजिब दाम लेने सहित 20 मांगों को लेकर एक जून से आंदोलनरत किसान अब मध्यप्रदेश सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई करने पर उतर आए हैं.