मानेसर गैंगरेप केस के तीनों हैवान गिरफ्तार
बुलंदशहर: गुरुग्राम में नौ माह की बच्ची की हत्या के बाद मां से गैंगरेप के तीनों आरोपी हैवान छतारी थाना क्षेत्र के गांव रूंसी के हैं। तीनों आरोपियों ने इस घिनौने कृत्य को अंजाम देकर इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। मुख्य आरोपी व उसका दोस्त अपने पिता से नाराज होकर रोजगार की तलाश में गुरुग्राम गए थे। परिजनों को अभी आरोपियों की हरकतों पर यकीन नहीं हो पा रहा है।
गांव निवासी योगेंद्र मेटाडोर चलाकर गुजर-बसर करता था। कुछ ही दिन पहले किसी बात को लेकर उसके पिता से कहासुनी हो गई थी। जिसके बाद वह अपने दोस्त अमित को लेकर गुरुग्राम चला गया। वहां, गांव के ही जयकेश के साथ रहना शुरू कर दिया। टैम्पो चलाकर वह आजीविका कमाने लगे। आरोप है कि 29 मई की रात को उन्होंने इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना को अंजाम दे दिया। शराब के नशे में धुत तीनों आरोपियों ने लिफ्ट मांग रही एक महिला से दुष्कर्म करने से पहले उसकी नौ माह की बच्ची की गला घोंटकर हत्या कर दी। पुलिस सूत्रों के अनुसार गुरुग्राम पुलिस ने तीनों आरोपियों को जनपद में किसी स्थान से गिरफ्तार किया है। हैरानी बात यह है कि तीनों आरोपियों का पिछला रिकार्ड एकदम साथ सुथरा है, जिसके चलते परिजनों को पूरे घटनाक्रम पर यकीन नहीं हो पा रहा है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस इन्हें इस मामले में फंसा रही है।
डिबाई सीओ दिनेश कुमार शर्मा ने बताया कि गुरुग्राम पुलिस ने संबंधित थाने से संपर्क साधा था। आरोपियों की गिरफ्तारी में उनकी मदद की गई थी। इस प्रकरण में आगे भी किसी मदद की जरूरत होगी तो पुलिस तत्पर है।
पड़ोसियों से झगड़ा होने के बाद 29 मई की रात ऑटो से पुराने गुरुग्राम अपने ससुराल जा रही महिला के साथ, जिन तीन दरिंदों ने हैवानियत को अंजाम दिया था। बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पुलिस आयुक्त संदीप खिरवार ने बताया कि तीनों आरोपी बुलंदशहर के रहने वाले हैं। तीनों आरोपियों की पहचान जयकेश, अमित और योगेंद्र के रूप में हुई है। पूछताछ में पता चला है कि जयकेश ऑटो चालक है। सभी आरोपियों की उम्र बीस साल के करीब है।
पीड़ित महिला का पड़ोसियों के साथ कुछ दिन पहले झगड़ा हो गया था। इस झगड़े से महिला इतनी परेशान हो गई कि उसने तुरंत अपने ससुराल वालों के पास जाने के लिए एक ऑटो लिया। ऑटो में पहले से दो शख्स बैठे हुए थे। रात के अंधेरे का फायदा उठाकर दोनों शख्स में ड्राइवर के साथ मिलकर उस महिला के साथ रेप किया। इस दौरान महिला के हाथ में जो बच्ची थी उसे दबंगों ने दूर सड़क पर फेंक दिया। सड़क पर गिरने के कारण बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई।
एक हफ्ते पहले 30 मई को येलो और वायलट लाइन मेट्रो स्टेशन पर हजारों यात्रियों ने एक महिला की बेबसी और उसके साथ हुए दर्दनाक हादसे को देखा। जब यह महिला अपनी बच्ची को अपने कलेजे से लगाकर मेट्रो में चढ़ी तो उसकी आंखों से निकलते आंसू उसके दर्द को साफ बयां कर रहे थे। मेट्रो में सफर कर रहे लोगों को इस बात इल्म भी न था कि जो महिला अपनी बच्ची को सीने से चिपका कर सफर तय कर रही है उसने इस छोटी से उम्र में ही अपनी जिंदगी का सफर छोड़ दिया है। कुछ दरिंदों की करतूत का खामिया न केवल उस महिला को उठाना पड़ा था, बल्कि उसके सामने ही उसकी बच्ची को सड़क पर फेंक दिया गया था, जिसके कारण उसकी मौत हो गई थी।
29 मई की रात महिला जिस बर्बरता का शिकार हुई थी वह अकल्पनीय था। बताया जाता है कि पीड़ित महिला का पड़ोसियों के साथ झगड़ा हो गया था। इस झगड़े से महिला इतनी परेशान हो गई कि उसने तुरंत अपने ससुराल वालों के पास जाने के लिए एक ऑटो लिया। ऑटो में पहले से दो शख्स बैठे हुए थे। रात के अंधेरे का फायदा उठाकर दोनों शख्स में ड्राइवर के साथ मिलकर उस महिला के साथ रेप किया। इस दौरान महिला के हाथ में जो बच्ची थी उसे दबंगों ने दूर सड़क पर फेंक दिया। सड़क पर गिरने के कारण बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई।
नौ माह की बच्ची की मौत के बाद पीड़िता उसे लेकर गुरुग्राम के निजी अस्पताल में गई थी। इसके बाद डॉक्टरों ने उसे दूसरी जगह जाने को कहा। पीड़िता ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि इसके बाद बच्ची के शव को लेकर 30 मई को दिल्ली मेट्रो से गुरुग्राम से दिल्ली गई थी। पीड़िता के अनुसार दिल्ली से वापस लौट गई। इसके बाद गुरुग्राम में परिजनों को पूरी बात बताई।
एसीपी मनीष सहगल ने बताया कि पीड़िता ने बच्ची को लेकर दिल्ली जाने की बात कही है। पुलिस बात का सत्यापन करने का प्रयास करेगी। इससे यह पता किया जा सके कि दिल्ली में कहां और किसके पास गई थी। दूसरी ओर सूत्रों के अनुसार आरोपियों ने बच्ची का मुंह दबाकर हत्या कर दी थी और उसके बाद फेंक दिया था। हालांकि पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है।