मध्य प्रदेश: मंदसौर में किसानों पर फायरिंग, 5 के मरने की खबर
भोपाल: मध्य प्रदेश में किसानों के आंदोलन ने आक्रामक रूप ले लिया है. यहां मंदसौर में किसानों के ऊपर फ़ायरिंग की गई है और ख़बर आ रही है कि 5 किसानों की मौत हो गई है. हंगामे के बाद मंदसौर में कर्फ्यू लगा दिया गया है. मुख्यमंत्री ने गोलीबारी में किसानों की मौत की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं.
इससे पूर्व मंदसौर में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों के एक गुट ने वाहनों में तोड़फोड़ की. प्रदर्शन के हिंसक होने और आग लगाए जाने के आरोपों के बाद हालात संभालने के लिए मौके पर पहुंची सीआरपीएफ की टीम ने मोर्चा संभाला. दोनों पक्षों में आपसी पथराव के बाद फायरिंग हुई.
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि पुलिस के द्वारा कोई फायरिंग नहीं हुई है, पिछले पांच-छह दिनों से मंदसौर और नीमच में असमाजिक तत्व आगजनी और लूटपाट करने का काम कर रहे हैं. सरकार ने निर्देश दिए थे कि प्रदर्शनकारियों पर कोई सख्ती नहीं होनी चाहिए. पुलिस के साथ कई दिनों से मारपीट हो रही है, एक पुलिसकर्मी की आंख फूट गई, लेकिन हमने फिर भी किसी भी सख्ती के निर्देश नहीं दिए. हमने जांच के आदेश दे दिए हैं.
इससे पूर्व मंदसौर में गुस्साए किसानों ने दलौदा के पास रेलवे पटरी उखाड़ दी थी और सिग्नल सिस्टम को भी नुकसान पहुंचाया, जिसकी वजह से ट्रेन यातायात प्रभावित हुआ है. देर रात तक रेलवे स्टाफ पटरी को सही करने में जुटा हुआ था. रेलवे स्टेशन पर हंगामे के अलावा प्रदर्शनकारियों ने दलौदा में महू नीमच मार्ग को जाम कर दिया है. पिपलियमंडी में आगजनी की ख़बरें हैं जबकि जग्गाखेड़ी में दूध प्लांट को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई. खबर है कि रेल ट्रैफिक बाधित है, जिसके चलते भोपाल से रेल ट्रैफिक भी प्रभावित है.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दखल के बाद किसानों के एक वर्ग ने किसानों की हड़ताल को वापस लेने का ऐलान किया तो लगा कि दूध सब्ज़ी जैसे चीज़ों की किल्लत खत्म होगी, लेकिन किसानों के बीच फूट पड़ गई है. आंदोलन में अगुवा भारतीय किसान यूनियन और राष्ट्रीय किसान मज़दूर संघ ने संघर्ष का रास्ता नहीं छोड़ने का ऐलान किया है.
मध्य प्रदेश में 1-10 जून तक किसानों की हड़ताल में सियासत हावी हो गई है, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय किसान संघ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ बैठक के बाद आंदोलन खत्म करने का फैसला किया है, लेकिन आंदोलन में अगुवा भारतीय किसान यूनियन और राष्ट्रीय किसान मज़दूर संघ ने संघर्ष का रास्ता नहीं छोड़ने का ऐलान किया है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक के बाद ट्विटर पर लिखा था कि मुझे खुशी है कि मध्यप्रदेश में किसानों ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया है. मध्यप्रदेश सरकार किसान हितैषी सरकार है तथा सदैव किसानों के कल्याण के लिए कार्य करती रहेगी. मध्य प्रदेश के किसानों ने अपनी उपज के वाजिब दाम दिलाने सहित 20 सूत्रीय मांगों को लेकर एक जून से 10 जून तक आंदोलन की घोषणा की थीय चौहान ने ट्वीट किया कि तीन..चार दिन में आठ रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से प्याज की खरीद शुरू हो जाएगी और इस महीने के अंत तक जारी रहेगी. मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, गर्मियों में, सरकार मूंग की दाल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेगी. उन्होंने आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने की भी घोषणा की.