आम राय न बनी तो विपक्ष खडा करेगा अपना उम्मीदवार
राष्ट्रपति चुनावों के मुद्देनजर सोनिया की बैठक में शामिल हुए 17 दलों के नेता
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा शुक्रवार को बुलाई गई बैठक में 17 दलों के नेता शामिल हुए। ये बैठक जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों के मुद्देनजर बुलाई गई थी। इस बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार की जगह शरद यादव पहुंचे हैं।
विपक्षी दलों ने शुक्रवार को कहा कि सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) यदि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में विपक्ष के साथ सलाह-मशविरे से सर्वसम्मत उम्मीदवार खड़ा नहीं करती है तो वे इन चुनावों में राजनीतिक 'संग्राम' के लिए तैयार हैं। इस बैठक के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि किसी नाम पर चर्चा नहीं हुई है और जल्द ही सभी दलों की तरफ से संयुक्त बयान जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर किसी नाम को लेकर आम सहमति नहीं बनी तो विपक्ष एक कमेटी बनाकर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का चयन करेगा।
राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए विपक्ष की रणनीति तय करने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा शुक्रवार दोपहर के भोज पर बुलाई गई विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद तथा जनता यू के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने संवाददाताओं से यह बात कही। उन्होंने विपक्ष की एक ओर से एक संयुक्त वक्तव्य में कहा कि यह एक सामान्य परंपरा है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवारो के नामों पर आम सहमति बनाने के लिए सत्तारूढ पार्टी पहल करती है। इन दोनों पदों के लिए चुनाव होने वाले हैं लेकिन सत्तारूढ दल ने अभी तक ऐसी कोई पहल नहीं की है।
उन्होंने कहा कि यदि आम सहमति से स्वीकार्य उम्मीदवार नहीं तय होता है तो विपक्षी दल इन पदों के लिए अपने ऐसे उम्मीदवार तय करेंगे जो संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करने में सक्षम हों।
बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, जनता दल यू के नेता शरद यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती, राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सुधाकर रेड्डी समेत विभिन्न दलों के 30 से अधिक नेता मौजूद थे।
इससे पूर्व बैठक में भाग लेने के बाद तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि कि विपक्षी दल अपना साझा उम्मीदवार तय करने के लिए एक समिति गठित कर सकते हैं।
विपक्षी दलों ने इस बैठक में जम्मू कश्मीर की स्थिति तथा उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हिंसा की घटनाओं पर भी गहरी चिंता जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की नीतियों से आम आदमी, किसानों, महिलाओं, युवाओं, अनुसूचित जाति एवं जनजाति और अल्पसंख्यकों एवं अन्य पिछडे तबकों पर भारी बोझ पड रहा है। इन दलों ने इन नीतियों का विरोध करने के लिए संसद में आपसी सहयोग एवं समन्वय बढ़ाने का संकल्प जताया।
संसद भवन परिसर में हुई इस बैठक में कांग्रेस, आरजेडी, जेडीयू, एसपी, बीसपी, टीएमसी, जेएमएम, केरल कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस, एनसीपी, डीएमके, एआईयूडीएफ, आरएसपी, ऑल इंडिया मुस्लिम लीग, सीपीएम, सीपीआई और जेडीएस के नेता शामिल हुए।