लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी सु्प्रीमो मायावती ने गुरुवार को सहारनपुर हिंसा मामले में प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने भीम आर्मी को बीजेपी का ही प्रोडक्ट बताया।
मायावती ने कहा, 'सहारनपुर में बीएसपी के लोगों का मानना है कि भीम आर्मी पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी का ही प्रोडक्ट है।' प्रेस कांफ्रेंस में बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने आगे कहा कि मेरे भाई और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का भीम आर्मी से कोई भी संबंध नहीं है। भीम आर्मी और बीएसपी के बीच संबंध के आरोपों की मायावती ने निंदा भी की। उन्होंने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने बीएसपी के खिलाफ झूठी रिपोर्ट बनाई है।

मायावती ने आज यहाँ जारी एक बयान में कहा कि बी.एस.पी. के केन्द्रीय, राज्य व जिला स्तर के भी किसी छोटे-बड़े पदाधिकारी व कार्यकर्ता का भी भीम आर्मी से कोई सम्बन्ध नहीं है। बी.एस.पी. मूल रूप में एक राजनीतिक पार्टी है जिसमें समाज के हर धर्म, हर जाति, हर समाज व महिला, युवा आदि का प्रतिनिधित्व है तथा इसका अलग से ना तो कोई मोर्चा या अन्य संगठन है और ना ही किसी अन्य संगठनों से इसका कोई सम्बन्ध ही है। इस क्रम में बीजेपी सरकार द्वारा इन्टेलिजेन्स की खबर के माध्यम से फैलायी जा रही खबरें शरारतपूर्ण व जातिवादी ताकतों की राजनीतिक साजिश का परिणाम है। बी.एस.पी. इस प्रकार की घिनौनी साजिश का व इस सम्बन्ध में दिखाई जा रही खबरों का जोरदार खण्डन करती है व इसकी निन्दा भी करती है।

मायावती ने कहा कि भीम आर्मी को बी.एस.पी. के साथ जोड़ने की प्रदेश बीजपी सरकार की साजिश वैसी ही निन्दनीय है जैसा कि भीम आर्मी के लोग खासकर सहारनपुर में बी.एस.पी. के साथ अपने आपको जोड़कर भोले-भाले लोगों का आर्थिक शोषण कर रहे थे। उन्होंने बताया कि उनके सहारनपुर दौरे के दौरान् यह भी शिकायत मिली थी कि भीम आर्मी के लोग अपने आपको बी.एस.पी. का शुभचिन्तक बताकर बाबा साहेब डा. अम्बेडकर जयंती आदि के अवसर पर लोगों से धन वसूला करते थे।

साथ ही बी.एस.पी. के नवनियुक्त राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनन्द कुमार से मिलने की बात भीम आर्मी के लोग प्रचारित करते थे, जबकि इस मामले में सच्चाई यह है कि इनकी नियुक्ति के बाद अपनी-अपनी समस्याओं को लेकर देश भर के लोग श्री आनन्द कुमार से मिलते रहते हैं परन्तु भीम आर्मी के नाम पर किसी से ना तो कोई सम्पर्क हुआ और ना ही इस जैसे अन्य किसी संगठन से बी.एस.पी. या श्री आनन्द कुमार का कोई सम्बन्ध है। बीजेपी सरकार व भीम आर्मी दोनों के ही इस राजनीतिक साजिश का बी.एस.पी. कड़े शब्दों में खण्डन व निन्दा करती है।

इस सम्बन्ध में सरकारी इन्टेलिजेन्स एजेन्सी को लपेटना सरकार की दुर्भावना व सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग को ही प्रमाणित करता है। यह सब साजिश बीजेपी सरकार अब इसलिये कर रही है क्योंकि सहारनपुर के जातीय दंगे को रोकने में यह सरकार विफल रही है और इस कारण इसकी काफी भद भी हो रही है। यह सब अपनी विफलताओं पर से लोगों का ध्यान बांटने का प्रयास है, जो सही तथ्यों के कारण सफल नहीं हो पा रहा है।
वास्तव में लोगों का आरोप है कि ’भीम आर्मी’ बीजेपी के संरक्षण में पलने वाला संगठन है। बीजेपी इस संगठन का राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है। इसीलिये इसके नेताओं पर अब तक कार्रवाई नहीं की गयी है।