सुल्तानपुर: तो फिर एसओ कुड़वार को बचाने के लिए महकमें में किया गया व्यापक फेरबदल!
सुल्तानपुर। जनपद का थाना कुड़वार अपराधियों की तपस्थली बन गया है। विगत 2
माह पूर्व लगभग थाना कुड़वार की ताजपोशी उप निरीक्षक अनिल सोनकर के नाम पर
हुई तब से थाना कुड़वार में अपराधियों के हौंसले बुलंद हो चले और ताबड़तोड
हत्याओं समेत कई जघन्य अपराधों का सिलसिला बेदस्तूर जारी हुआ और इसी
दरमियान एसपी पवन कुमार का शासन द्वारा तबादला हुआ। उसके बाद सुलतानपुर
जनपद की कमान रोहन पी कनय को दी गयी। मीडिया में लगातार सुर्खियां बना
कुड़वार थाना एसपी रोहन पी कनय को नजर आया और सूत्रों की मानें तो कप्तान
ने कार्यवाही का मन बनाया परन्तु सूत्रों की मानें तो एसओ अनिल सोनकर के
एक रिश्तेदार भाजपा सांसद की पैरवी पर कार्यवाही की गाज गिरते-गिरते
मामूली स्थानांतरण में तब्दील कर दी गयी।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने एसओ कुड़वार के खिलाफ जांच कर
कार्यवाही करने के दिए थे निर्देश
प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी के फरमान महज जुमले बाजी
तक ही सिमटते दिख रहे हैं। तभी तो योगी की पुलिस उन्हीं के मुलाजिमों के
आदेशों व निर्देशों को हवा में उड़ाती दिख रही है । मामला कुड़वार थाने के
ग्राम खाझापुर से जुड़ा है। जहाँ के निवासी ज्ञानेन्द्र तिवारी एक
राष्ट्रीय न्यूज चैनल के जिला संवाददाता हैं। उन्होनें ने 27 मार्च 2017
को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या से एसओ कुड़वार के खिलाफ अपराधियों
को संरक्षण प्रदान करने व मीडिया से बदसलूकी करने को लेकर लिखित शिकायत
दर्ज कराई और उप मुख्यमंत्री ने शिकायती पत्र को संज्ञान में लेते हुए 28
मार्च 2017 को जांच के आदेश देते हुए की गई कार्यवाही से अवगत कराने का
आदेश दिया। जिसकी जांच एसपी सुल्तानपुर को सौंपी गयी और 25 अपै्रल को
तत्कालीन एसपी द्वारा उक्त जांच पत्र को रिसीव कर लिया गया। गौरतलब रहे
कि पत्रांक में 3 मई 2017 तक कार्यवाही कर सरकार को अवगत कराने की
सिफारिश भी की गयी थी। पीड़ित पत्रकार ने क्षेत्राधिकारी नगर कार्यालय में
जाकर अपना बयान दर्ज कराते हुए साक्षीय तौर पर एक सीडी भी बयान दर्ज करने
वाले अधिकारी को उपल्बध कराई और आज आलम यह है कि निर्धारित तिथि से 20
दिन ज्यादा बीतने को है और जांच को महकमें द्वारा ठंडे बस्ते में डाला जा
चुका है। ऐसे में तो यह कहा जा सकता है कि सरकार के इकबाल पर सुल्तानपुर
पुलिस हावी होती नजर आ रही है।
क्या था पूरा मामला
21 अगस्त 2016 को माननीय न्यायालय के आदेश पर वीरेन्द्र तिवारी समेत पांच
नामजद के खिलाफ मु०अ०सं० 269, 2016 अन्तर्गत धारा 419 , 420 , 467 , 468
, 471, 504 , 506 व 120 बी भादवि के तहत मुकदमा थाना स्थानीय पर पंजीकृत
किया गया। जिसमें विवेचना प्रचलित थी और एसओ अनिल सोनकर व उप निरीक्षक
हवलदार सिंह द्वारा अभियुक्तों को संरक्षण प्रदान किया जा रहा था। इसी
बीच दिनांक 19 मार्च 2016 को विपक्षी वीरेन्द्र तिवारी द्वारा पीड़ित
पत्रकार की माता जी के नाम दर्ज अराजी पर लगे पेड़ को जबरन विपक्षी द्वारा
काटा जा रहा था। जिसकी शिकायत पीड़ित पत्रकार ने डायल 100 पर की और डायल
100 पर तैनात एक दूबे सिपाही दोनों पक्षों को थाने पर ले आए और उक्त
जानकारी डायल 100 के सिपाही द्वारा मुख्यालय लखनऊ को लिखित में भेज दिया
गया। परन्तु मौजूदा प्रभारी निरीक्षक कुड़वार हवलदार सिंह द्वारा अनुचित
दबाव वश जघन्य अपराध के आरोपी को थाने द्वारा छोड़ दिया गया।
एसओ कुड़वार रहे अनिल सोनकर पर हैं कई गम्भीर आरोप
एसओ कुड़वार रहे अनिल सोनकर पर अभी तक कई गम्भीर आरोप लग चुके हैं। चाहे
वह बहुचर्चित संदीप पाठक हत्या कांड में तहरीर बदलवाने का हो या फिर
नौगवां रायताशी में आनर किलिंग में हत्या का मुकदमा दर्ज करने को लेकर
हीलाहवाली हो। चाहे थाने पर बालिका को कई दिन तक बैठाने का प्रकरण। अनिल
सोनकर के कादीपुर थाने के प्रभार के दौरान सरकारी खजाने से एक करोड़ चैदह
लाख लगभग चोरी काण्ड का मामला। सारे मामले अंधकारमय हो चुके है। फिलहाल
लगभग सवा सौ करोड़ चोरी मामले में अनिल सोनकर पर लाइन हाजिर की कार्यवाही
कर कागजी खानापूर्ति कर मामले की इतिश्री कर दी गयी थी।