अपने बच्चों को दीनी तालीम से आरास्ता करें मुसलमान: मौलाना किछौछवी
लखनऊ: शिक्षा को इस्लाम में प्राथमिकता दी गई है और शिक्षा ग्रहण करना हर मुसलमान का कर्त्तव्य है। हमें चाहिए कि अपने बच्चों को दीनी तालीम से आरास्ता करें। तालीम हासिल करके ही व्यक्ति ज़लालत और गुमराही के अंधेरे से बच सकता है।इन विचारों को हज़रत मौलाना सैयद मोहम्मद अशरफ किछौछवी (संस्थापक एवं अध्यक्ष ऑल इंडिया उलमा व मशाईख बोर्ड) ने सैफ खां सराय, संभल में ग़ौसुल आलम मेमोरियल एजुकेशनल सोसायटी द्वारा आयोजित दारुल उलूम ग़ौसुल आलम के दस्तारबंदी के मौके पर आयोजित एक सभा में किया।
मौलाना किछौछवी ने कहा कि ज्ञान की रोशनी लेकर निकलने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह समाज में फैली बौद्धिक अंधेरे को दूर करें। नबवी शिक्षाओं की भरोसेमंद दस्तार का तकाजा है कि लोगों को अज्ञान के दलदल से निजात दिलाई जाए। उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत नैतिक रूप से परिपक्वता और मजबूती से करनी चाहिए। हर धर्म प्रचारक के लिए आवश्यक है कि पहले वह सीरते नबवी का अध्ययन करे उसके बाद प्रचार प्रसार का कार्य करे जिसे कुरान ने खुलके अज़ीम से याद किया है। नफरतों, तिरस्कार और मानव जाति के अपमान के बजाय सूफ़िया का व्यवहार यानी प्रेम, भाईचारे, सहानुभूति को बढ़ावा देने की सख्त जरूरत है। मुस्लिम क़ौम जहां धर्म से दूरी और बेरग़बती का शिकार होती जा रही है। खुद इसके लिए व्यावहारिक नमूना बनकर दूसरों को उसकी दावत देनी होगी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि दीन सिर्फ शरई उलूम की पासदारी नहीं करता बल्कि उस पर अमल करने के लिए दुनियावी तक़ाज़ों कि की भरपाई की तरग़ीब देता है।
सभा का आगाज़ कारी मोहम्मद शोएब अशरफी की तिलावत से हुआ। बदायूं से तशरीफ़ लाए कारी सैयद गुलाम अली अशरफी ने नात व मन्क़बत के नज़राने पेश किये। हज़रत मुफ्ती सैयद वसीम अशरफ बदायूंनी ने किताब व सुन्नत की रौशनी में फ़ज़ाइले अहले बैत पर ख़िताब किया।
हज़रत अल्लामा मुफ्ती सईद वाक़िफ़ अली अशरफी (प्रिंसिपल जामिया सोफिया, किछौछा शरीफ) के अलावा अन्य स्थानीय-उलमा ने भी नसीहत में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। जलसा की क़यादत हजरत मौलाना हाफ़िज़ सखावत हुसैन अशरफी ने फ़रमाई और सञ्चालन कारी राहत अली अशरफी ने किया।
बैठक में शकील अहमद अधिवक्ता (महासचिव संभल अयूब) मौलाना खलील, कारी आमिर अशरफी , कारी एहसान, कारी गुलजार अहमद, मोहम्मद इरफ़ान अशरफी, हाजी रियाज़ुल हुसैन, हाफिज अब्दुल कादिर, मोहम्मद शादाब, मोहम्मद आदिल , अब्दुल गफ्फार अशरफी, हाफिज कमर आलम के अलावा हजारों की तादाद में फरज़नदान तौहीद ने शिरकत फरमाई। जलसा का समापन सलात सलाम और देश में शांति और खुशहाली की दुआ पर हुआ।