डिजिटल इंडिया बनाने के लिए डिजिटल लिटरेसी पर जोर
सीओएआई विश्व संचार एवं सूचना समाज दिवस का आयोजन किया
विश्व संचार एवं सूचना समाज दिवस – 2017 के अवसर पर उद्योग जगत और सरकार के प्रतिनिधियों के साथ शिक्षा जगत के लोग भी एक मंच पर आए। मकसद इनोवेशन और नई तकनीक के उपयोग से लाभदायक साधनों का विकास और सतत प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देने के लिए तकनीक और नीतिगत मसलों पर विमर्श जारी रखना है। उच्च स्तरीय राउंड टेबल का लक्ष्य यह विमर्श करना था कि भारत में तकनीकी आधुनिकताएं कैसे 17 यूएन एसडीजी के लक्ष्यों को पूरा करने में सहायक हैं। विमर्श इनोवेशन को बढ़ावा देने वाले कारकों, उपलब्धियों, भावी अवसरों, मुख्य चुनौतियों और आज की जरूरतों पर केंद्रित था। साथ ही, भारत में टेलीकम उद्योग की सफलता पर चर्चा हुई।
इस अवसर पर आपस में जुड़े अनुकूल परिवेश बनाने और बाधाओं को दूर करने के साथ-साथ पांच मंत्रालयों – DoT, MoC, MeitY, MHRD, I&B एवं कौशल विकास के बीच परस्पर सशक्त सहयोग की मांग की गई। सीओएआई ने सही मायनों में डिजिटल इंडिया बनाने के लिए डिजिटल लिटरेसी पर जोर देते हुए क्षमता विकास और स्थानीय भाषा की सामग्री के विकास करने की अहमियत बताई।
गौरतलब है कि विश्वस्तरीय टेलीकम इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने में अब तक 927000 करोड़ रु. का निवेश हो गया है। लगभग 3.51 लाख बीटीएस जोड़े गए और सितंबर 2016 तक ग्राहकों की संख्या बढ़ कर एक बिलियन हो गई है। टाªइ के अनुसार इंटरनेट के कुल ग्राहकों की संख्या 261.31 मिलियन हो गई है। इंडस्ट्री को कई बातों पर गर्व है जैसे प्रजातंत्र की जड़े गहराई में ले जाने, वंचित वर्ग के लोगों और समुदायों और भागीदारों को अपनी बात कहने का अवसर देने, असहमति का स्वर बुलंद करने, सत्ता के सामने सच रखने, बेहतर नीति की वकालत करने और नियामक परिवेश बनाने और सरकार के कंधे से कंधा मिला कर काम करने का गर्व है। इसके लिए डिजिटल क्षमता के विकास, भ्रष्टाचार दूर करने, भारत को कैशलेस अर्थव्यवस्था बनाने पर जोर दिया गया है।
उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, सीओएआई के महानिदेशक श्री राजन एस मैथ्यूज ने कहा, ‘‘भारत आज दूरसंचार का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है और यह उत्तरोत्तर मजबूत हो रहा है। देश के विकास में सहायक मुख्य कंपनियों में से एक के रूप में भारतीय दूरसंचार उद्योग की आज पहले की तुलना में अधिक लोगों तक पहुंच कायम हो चुकी है। हमने न केवल लोगों को जोड़ा है, बल्कि हमने विचारों और नवपरिवर्तनों के विकास के लिए एक ठोस मंच भी उपलब्ध कराया है। हमें एक अरब से अधिक भारतीयों को डिजिटल भविष्य प्रदान करने के लिए उन्हें जोड़ने और सशक्त बनाने पर गर्व है।’’