प्रशासन ने नहीं दी RTI क्लीनिक की अनुमति
येश्वर्याज संस्था ने बताया संवैधानिक अधिकारों की हत्या
लखनऊ: कहने को भारत लोकतान्त्रिक गणराज्य है, यानि कि एक ऐसा देश है जिसमें
जनता द्वारा चुनी गई सरकारें जनता के लिए संवैधानिक व्यवस्थाओं को बनाए
रखने के लिए कार्य करती है l लेकिन क्या वर्तमान सरकारें वास्तव में
संवैधानिक व्यवस्थाओं को कायम रखने के लिए काम कर रही हैं या फिर सरकारों
द्वारा अपनी व्यक्तिगत पसंद-नापसंद के आधार पर शासन-प्रशासन के
लालफीताशाही तंत्र का सहारा लेकर आम आदमी के संवैधानिक अधिकारों का गला
घोंटा जा रहा है ? ताजा मामला यूपी की राजधानी लखनऊ का है जहाँ के
पुलिस-प्रशासन ने सामाजिक संस्था येश्वर्याज को आरटीआई का जनजागरूकता
कैंप लगाने की अनुमति नहीं दिए जाने की सूचना कार्यक्रम आरम्भ होने के
महज 18 घंटे पहले देकर सरकारी तंत्र के पारदर्शिता विरोधी रुख को जाहिर
कर दिया है l
येश्वर्याज की सचिव उर्वशी ने बताया बीते 4 मई को लखनऊ के जिलाधिकारी
कौशल राज शर्मा को दिए पत्र का निस्तारण नियमानुसार 7 दिन में हो जाना
चाहिए था लेकिन लखनऊ के प्रशासन ने खलनायक बनकर येश्वर्याज RTI क्लीनिक
कार्यक्रम को असफल करने की साजिश की है और कार्यक्रम में आने वाले लोगों
के संवैधानिक अधिकारों की हत्या की है l बकौल उर्वशी आरटीआई जनजागरूकता
कैंप लगाने से रोकना संविधान के अनुच्छेद 19 में दिए शांतिपूर्ण रूप से
इकठ्ठा होने के मूल अधिकार का उल्लंघन है l लखनऊ के हजरतगंज जीपीओ स्थित
महात्मा गांधी पार्क में धरना प्रदर्शन आम रूप से होने की बात कहते हुए
एकमात्र उनकी संस्था को ही आरटीआई जनजागरूकता कैंप लगाने से रोकने को
संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन बताया है l उर्वशी ने बताया कि
उन्होंने इस मामले में शिकायत सीएम और गवर्नर को भेज दी है और शीघ्र ही
मामले को उच्च न्यायालय ले जाने की बात कही है l
कार्यक्रम में बदायूँ,कानपुर,मऊ,सीतापुर,उन्नाव,हरदोई और लखनऊ से आये
नागेन्द्र राम,संजय पाठक,अब्दुल रहमान,आनंद प्रसाद,शन्नू आजमी,मनोज
कुमार,संदीप मिश्रा,श्याम मनोहर बाजपेई,के.के.मिश्रा,राम स्वरुप यादव,
तनवीर अहमद सिद्दीकी,गिरजेश पाण्डेय,अमरेन्द्र सिंह,राज किशोर, अवधेश
कुमार यादव,तुलसी बल्लभ गुप्ता, अशोक भारती और ज्ञानेश पाण्डेय समेत
दर्जनों आरटीआई कार्यकर्ताओं ने शिरकत की l आरटीआई एक्सपर्ट डा. नीरज
कुमार, डा. आलोक चांटिया, अधिवक्ता अशोक कुमार शुक्ला और इं. संजय शर्मा
ने कैंप के प्रतिभागियों द्वारा उठाई गई समस्याओं के कानूनी और व्यवहारिक
पक्षों पर विस्तृत चर्चा की l
प्रशासन के असंवैधानिक कदम से क्षुब्ध सामाजिक कार्यकर्ताओं ने
बर्लिंगटन स्थित येश्वर्याज के कार्यालय में उर्वशी शर्मा के नेतृत्व में
इकठ्ठा होकर अपना रोष प्रकट किया l RTI कार्यकर्ताओं ने बताया कि वे CM
आदित्यनाथ योगी से मिलकर उन्हें यह बताएँगे RTI सरकार के खिलाफ हथियार
नहीं है बल्कि सरकार का जनता को इस आशय से आमंत्रण है कि जनता RTI का
प्रयोग इसलिए करे ताकि प्रत्येक लोक प्राधिकारी के कार्यकरण में
पारदर्शिता आये, जबाबदेही तय हो और लोकसेवक भ्रष्टाचार करने से डरें l
डा. नीरज कुमार ने RTI को सफल बताते हुए कहा कि RTI की बजह से देश की
जनता में अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ रही है l सरकारी तंत्र को
आरटीआई के प्रति उदासीन बताते हुए कुमार ने कहा कि यदि एक्ट की धारा 4 का
मनसा-वाचा-कर्मणा अनुपालन किया गया होता तो आज 11 साल बाद लोगों को
अधिकाँश सूचना वेबसाइट पर मिल जाती l
इं. संजय शर्मा ने कहा कि यदि जनता साथ नहीं देगी तो आरटीआई एक्ट सफल
नहीं होगा l शर्मा ने बताया कि RTI एक्ट से सूचना ही ली जा सकती है और इस
सूचना के आधार पर शिकायत करने के लिए लोकपाल और आरटीआई कार्यकर्ताओं की
सुरक्षा के लिए व्हिसिलब्लोअर कानून तल्काल लागू करने की आवश्यकता पर
विस्तृत बातचीत की l
डा. आलोक चांटिया ने जन प्रतिनिधियों को भी RTI एक्ट की ट्रेनिंग देने की
आवश्यकता पर बल दिया l कार्यक्रम में आये अधिकाँश प्रतिभागियों ने उत्तर
प्रदेश राज्य सूचना आयोग की लचर कार्यप्रणाली के प्रति अपनी अप्रसन्नता
व्यक्त की l