अपर्णा बोलीं- अखिलेश भैया निभाएं अपना वादा
लखनऊ: समाजवादी पार्टी में शुरू हुई कलह खत्म होने का नाम ले रही है। सपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल ने हाल ही में नई पार्टी बनाने का ऐलान करके विवाद को नई हवा दे दी है। शिवपाल ने घोषणा की पार्टी का अध्यक्ष मुलायम सिंह होंगे। वहीं, मुलायम सिंह अखिलेश को सीएम की कुर्सी देना अपनी भूल मानते हैं। वह कई बार यह बात दोहरा चुके हैं। विधानसभा चुनाव हारने के बाद समाजवादी पार्टी के अंदर इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़कर मुलायम को दे देना चाहिए। ऐसा ही मानना है कि मुलायम की छोटी बहू अपर्णा का भी है। अपर्णा यादव ने भास्कर.कॉम को दिए इंटरव्यू में कहा कि अखिलेश भैया को राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ देना चाहिए। साथ ही यूपी की योगी सरकार के काम की तारीफ भी की।
समाजवादी पार्टी में मचे घमासान के बीच अपर्णा यादव ने बातचीत में कहा, “अखिलेश भैया को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ देना चाहिए। अखिलेश अपने वादे पूरे करने के लिए जाने जाते हैं और वह अपने वादे पूरे करते आए हैं। उन्होंने जो कहा है उसे पूरा किया है। इस लिहाज से उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ देना चाहिए और नेताजी (मुलायम सिंह यादव) को पद वापस कर देना चाहिए।” बता दें चुनाव से पहले अखिलेश यादव ने कहा था कि उन्हें सिर्फ तीन महीने के लिए पार्टी और पद चाहिए। इसके बाद मैं नेता जी वापस पद और पार्टी सौंप दूंगा। अपर्णा से पहले शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश को राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ने के लिए तीन महीने का समय दिया था। हालांकि अखिलेश यादव की ओर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ने को लेकर अभी तक कोई संकेत नहीं दिए गए हैं।
बता दें कि समाजवादी पार्टी में मचे घमासान के कारण पार्टी अखिलेश और शिवपाल दो धड़ों में बंट गई थी। पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव का साथ देते हुए अखिलेश यादव और राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव को निष्कासित कर दिया था। हालांकि बाद में दोनों नेताओं का निष्कासन रद्द कर दिया गया था। इसके कुछ दिन बाद 1 जनवरी को रामगोपाल यादव ने सपा का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाकर मुलायम सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाकर अखिलेश यादव को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया था। बाद में यह मामला चुनाव आयोग पहुंचा। चुनाव आयोग ने भी अखिलेश के हक में फैसला सुनाया।