लखनऊ:उत्तर प्रदेश मंत्रिमण्डल ने सरकारी अधिकारियों तथा कर्मचारियों के तबादला सत्र 2017-18 के लिये वार्षिक स्थानान्तरण नीति को आज अनुमोदित कर दिया। राज्य के नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज यहां लोक भवन में हुई कैबिनेट की बैठक में लिये गये निर्णय की जानकारी देते बताया कि स्थानांतरण सत्र 2017-18 के लिए अनुमोदित वार्षिक स्थानांतरण नीति के तहत व्यवस्था दी गई है कि शासन, विभागाध्यक्ष, मण्डल एवं जिला स्तर के सभी तबादले आगामी 30 जून तक कर लिए जाएंगे। दिव्यांग कर्मियों को स्थानांतरण नीति से मुक्त रखा गया है।

उन्होंने बताया कि नयी स्थानांतरण नीति के अनुसार समूह ‘क’ एवं ‘ख’ के ऐसे अधिकारियों के स्थानांतरण किए जा सकेंगे, जो किसी एक जिले में तीन वर्ष या मण्डल में सात वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। समूह ‘ख’ के अधिकारियों के स्थानांतरण विभागाध्यक्षों द्वारा किए जाएंगे। स्थानांतरण नीति के प्रावधानों से आच्छादित होने वाले प्रकरणों में 20 प्रतिशत की सीमा तक स्थानांतरण किए जा सकेंगे। समूह ‘ग’ के कर्मचारियों का हर तीन वर्ष के उपरान्त पटल परिवर्तन करने के प्रावधान किए गए हैं।

खन्ना ने बताया कि विभागीय जरूरत को देखते हुए स्थानांतरण नीति में विभागीय मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री का अनुमोदन प्राप्त कर कुछ बदलाव करने का प्रावधान भी किया गया है। जनहित एवं प्रशासनिक दृष्टिकोण से मुख्यमंत्री द्वारा कभी भी किसी भी कार्मिक को स्थानांतरित किए जाने का आदेश दिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि दो वर्ष में सेवानिवृत्त होने वाले समूह ‘ग’ के कर्मचारियों को उनके गृह जनपद एवं समूह ‘क’ तथा ‘ख’ के कार्मिकों को उनके गृह जनपद को छोड़ते हुए इच्छित जिले में तैनात करने पर विचार किया जा सकेगा।