अच्छे काम की सराहना से आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है: राज्यपाल
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज ताज होटल में फिक्की लेडीज आर्गनाईजेशन के लखनऊ-कानपुर चैप्टर द्वारा आयोजित ‘एफएलओ उत्तर प्रदेश महिला पुरस्कार’ वितरण समारोह में उद्योग-व्यापार सहित विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय योगदान करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया। सम्मान समारोह में महिला कल्याण मंत्री डाॅ0 रीता बहुगुणा जोशी, प्राविधिक एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री आशुतोष टंडन, फिक्की लेडीज आर्गनाईजेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री वासवी भारतराम, प्रदेश चैप्टर की अध्यक्ष सुश्री अंजू नारायण, बेगम हामिदा हबीबुल्ला सहित संस्था के पदाधिकारीगण एवं अन्य विशिष्टजन भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में संस्कृत का श्लोक उद्धृत करते हुये कहा कि प्राचीन काल से हमारे देश में महिलाओं का सम्मान होता रहा है। हमारे देश में महिला राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री भी हुई हैं। महिलायें आज प्रत्येक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं। इंद्रा नुई, चंदा कोचर, नीलम धवन, स्वाती पिरामल और ज्योति नायक ने आर्थिक और व्यापारिक क्षेत्र में जिस प्रकार कार्य किया है वह समाज एवं महिलाओं के लिये आदर्श हैं। राज्यपाल ने अक्षय तृतीया की बधाई देते हुये कहा कि आज अक्षय तृतीया भी है और फिक्की लेडीज आर्गनाईजेशन द्वारा महिलाओं का सम्मान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह एक तरह से सुंदर संगम है जिसमें दूध में शक्कर और केसर मिलने जैसा संयोग है।
श्री नाईक कहा कि महिलाओं में कार्य करने एवं परिवार में संतुलन स्थापित करने की अद्भुत क्षमता होती है। पहले महिलायें गृहणी होने के साथ शिक्षा एवं नर्सिंग के क्षेत्र में कार्य करती थी परन्तु समाज में आये बदलाव एवं महिलाओं की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण आज वे आर्थिक-व्यापारिक क्षेत्र के साथ तकनीकी एवं प्रशासनिक क्षेत्र में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। यदि महिलाओं के कार्य का आंकलन किया जाये तो जी0डी0पी0 में उनका योगदान प्रतिशत बहुत अधिक बढ़ जायेगा। उन्होंने कहा कि अच्छे काम की सराहना से आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।
राज्यपाल ने महिला सशक्तीकरण पर अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि वह राज्यपाल के साथ 29 राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी है। विश्वविद्यालयों में छात्राओं की संख्या में वृद्धि हो रही हैं। विश्वविद्यालयों के दीक्षान्त समारोह में उन्होंने पाया है कि छात्रायें उत्कृष्ट प्रदर्शन कर छात्रों की तुलना में अधिक पदक प्राप्त कर रही है। छात्राओं द्वारा 65-75 प्रतिशत पदक प्राप्त किया जाना देश के लिये महिला सशक्तीकरण का शुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि उचित मार्गदर्शन और सहयोग मिले तो बेटियाँ अच्छा प्रदर्शन कर अपने माता-पिता, गुरूजनों एवं देश और प्रदेश का नाम रोशन करती हैं।
श्री नाईक ने श्लोक ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ को अपने जीवन का सार बताते हुये कहा कि यह एक ऐसा श्लोक है जिसमें बताया गया है कि सोने वाले का भाग्य भी सो जाता है। जो रूक जाता है उसका भाग्य भी रूक जाता है, जो गतिमान रहता है उसका भाग्य भी आगे बढ़ता है। जैसे मधुमक्खी गतिमान रहते हुए मधु एकत्र कर लेती है, पक्षी लगातार चलायमान रहते हुए मधुर फलों का रसास्वादन करते हैं। जैसे भगवान भाष्कर अपनी निरन्तर गति से जगत को प्रकाशमान करने के कारण पूज्यनीय हैं, वैसे ही मनुष्य को निरन्तर चलते रहना चाहिये। उन्होंने कहा कि निरन्तर आगे बढ़ने में ही सफलता का मर्म निहित है।
महिला कल्याण मंत्री डाॅ0 रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि महिलाओं को उचित स्थान एवं सम्मान मिलना चाहिये। उत्तर प्रदेश अनेक कारणों से पिछड़ा हुआ है परन्तु देश को कई सशक्त महिलायें उत्तर प्रदेश ने दी हैं। लिंग भेद समाज के लिये खतरनाक है। इस स्थिति में परिवर्तन लाने के लिये हमें कन्या भ्रूण हत्या जैसी बुराईयों से लड़ना होगा। सरकार महिलाओं की शिक्षा एवं सुरक्षा के लिये कटिबद्ध है। सरकार के साथ-साथ समाज का दायित्व है कि बेटियों को शिक्षित कर लिंग भेद का अंतर समाप्त करें। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी युवाओं और महिलाओं की सदी है।