केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश के सभी वर्गो का उत्थान किया जायेगा: योगी आदित्यनाथ
लखनऊ: नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में आयोजित नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सम्बोधन में बताया कि उ0प्र0 सरकार ’सबका साथ-सबका विकास’ की अवधारणा को अंगीकृृत करते हुए प्रदेश को स्वच्छ, स्वस्थ, समर्थ तथा देश का सर्वोत्तम प्रदेश बनाने के लिए कृृत संकल्पित है। नई सरकार के गठन से प्रदेश में परिवर्तन, विकास एवं गरीबों के सशक्तिकरण के लिए एक नये युग का प्रारम्भ हुआ है। उन्होंने बैठक में आयोग के द्वारा निर्धारित एजेन्डे के आधार पर पक्ष रखते हुए कहा कि प्रदेश में भूमि अर्जन, पुनर्वासन, पुनव्र्यवस्थापन, उचित प्रतिकर और पारदर्शिता पर बल देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा नियमावली प्रख्यापित कर अधिनियम को लागू किया गया है, जिससे किसानों की भूमि को उनकी सहमति से तथा राज्य सरकार की परियोजना हेतु कम से कम अधिग्रहण एवं क्रय के लिए आपसी सहमति की प्रक्रिया अपनायी गयी है।
मुख्यमंत्री द्वारा स्वरोजगार योजना की दिशा में स्थापित उ0प्र0 कौशल विकास मिशन की महत्ता का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश स्तर पर इस योजना के प्रभावी समन्वय एवं अनुश्रवण के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था राज्य, जनपद तथा विकास खण्ड स्तर पर की गई है तथा अधिकांश प्रशिक्षण प्रदाता निजी व सरकारी प्रशिक्षण संस्थायें आउटसोर्स के माध्यम से प्रशिक्षण देती है, जिसके लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता है। उ0प्र0 के आकार, जनसंख्या एवं रोजगार संसाधनों को दृृष्टिगत रखते हुए स्कूलो, काॅलेजों के योग्य शिक्षकों को कैरियर काउन्सिलिंग का प्रशिक्षण देकर उन संस्थाओं के छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षित किये जाने की आवश्यकता है। सरकार का प्रयास है कि मिशन के अन्तर्गत प्रत्येक इच्छुक परिवार में कम से कम एक सदस्य को कौशल विकास प्रशिक्षण से युक्त किया जाये। इस प्रक्रिया में अभी तक 50 लाख युवाओं का पंजीकरण किया जा चुका है। कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों में चयनित लगभग 5 लाख युवाओं में से 3.5 लाख युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं तथा लगभग 1.5 लाख युवा रोजगार पा चुके है।
श्री योगी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के क्रियान्वयन की दिशा में प्रदेश सरकार प्रभावी कदम उठा रही है, जिसमें प्रदेश की 59 हजार ग्राम पंचायतों में से लगभग 3500 ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त कर दिया गया है तथा दिसम्बर, 2017 तक 30 जनपद खुले में शौच से मुक्त हो जायेंगे। प्रदेश सरकार का यह भी संकल्प है कि 02 अक्टूबर, 2018 तक सम्पूर्ण प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त कर दिया जाये। गरीबी उन्मूलन पर केन्द्र सरकार की संस्तुतियां उचित है, लेकिन गरीबी रेखा के निर्धारण के लिए किसी स्वतंत्र संस्था के माध्यम से प्रत्येक 5 वर्षों में बी0पी0एल0 सर्वे कराया जाना भी समीचीन प्रतीत होता है, जिससे केन्द्र व राज्य की योजनाओं का मानक के अनुरूप उपयोग हो सके।
मुख्यमंत्री द्वारा कृृषि विकास पर गठित टास्कफोर्स की संस्तुतियां तथा खेती का कार्य कर रहे बटाईदारों को भी अनुदान का लाभ दिये जाने पर भी विचार व्यक्त किया गया। प्रदेश सरकार भारत सरकार द्वारा लागू किये जा रहे जी0एस0टी0 बिल, डिजिटल इण्डिया, आधार लिंक भीम एप, स्टार्टअप इण्डिया एवं मेक इन इण्डिया जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं में भी सक्रिय सहभागिता तथा प्रदेश सरकार द्वारा उठाये गये महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी दी।
श्री योगी ने प्रदेश सरकार के गठन के उपरान्त संकल्प-पत्र में लिये गये वादों को पूरा करने तथा लिये गये महत्वपूर्ण निर्णयों से भी अवगत कराया। जैसेः- मंत्रिमण्डल की प्रथम बैठक में किसानों के ऋणमाफी का ऐतिहासिक फैसला, आलू उत्पादकों को समर्थन मूल्य देकर क्रय व्यवस्था, गेहूं उत्पादन के लिए 80 लाख मैट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारण कर 5 हजार गेहूं क्रय केन्द्रों की स्थापना, गन्ना उत्पादकों के लिए चीनी मिलों द्वारा भुगतान सुनिश्चित करने की दिशा में अब तक 4,900 करोड़ रुपये का रिकाॅर्ड भुगतान, जनपद, तहसील एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश, निर्धारित अवधि में क्षतिग्रस्त ट्रान्सफार्मर बदलने की व्यवस्था, कृृषकों को नवीन तकनीक की जानकारी के उद््देश्य से 20 नये कृृषि विज्ञान केन्द्र की स्थापना, बुन्देलखण्ड में सिंचाई व पेयजल व्यवस्था को सुदृृढ़ करना आदि अनेक ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये हैं, जिससे प्रदेश में समग्र विकास, गरीबी उन्मूलन, रोजगार सृृजन, पर्यावरण संरक्षण, समाजोत्थान, न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रमों का क्रियान्वयन, क्षेत्रीय असन्तुलन का निवारण तथा आर्थिकता के नये आयाम सृृजन की दिशा में प्रदेशवासियों की दशा और दिशा में भी अपेक्षित सुधार सम्भव होगा।
प्रदेश सरकार द्वारा 15 जून, 2017 तक 86 हजार कि0मी0 सड़कों को गड््ढा मुक्त करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें लगभग 4,500 करोड़ का व्यय अनुमानित है। लगभग 3 हजार कि0मी0 राष्ट्रीय मार्ग की मरम्मत कार्य प्रदेश सरकार द्वारा किया जायेगा, जिसके लिए केन्द्र सरकार से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराया जाना जरूरी है। प्रदेश में विगत वर्षो में लगभग 978 नये न्यायालयों का सृृजन किया गया है तथा न्याय प्रक्रिया को सरल एवं सुगम बनाने हेतु 125 नये न्यायालयों का सृृजन प्रस्तावित है। एकात्म मानववाद तथा अन्त्योदय योजना के प्रणेता पं0 दीनदयाल उपाध्याय की शताब्दी वर्ष के रूप में प्रदेश सरकार द्वारा गरीबों के कल्याण तथा उनके उत्थान के लिए विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन किया जायेगा। बैठक में मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रधानमंत्री तथा सभी प्रतिभागी महानुभावों के प्रति आभार व्यक्त किया गया तथा प्रदेश के पक्ष को प्रभावी एवं सारगर्भित ढंग से प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव नियोजन श्री मुकुल सिंहल भी मौजूद थे।