अदालत से इन्साफ मांगेंगे तेज बहादुर
नई दिल्ली: बर्खास्तगी के बाद तेज बहादुर ने BSF अधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- आखिरी सांस तक सैनिकों के लिए लड़ूंगातेज बहादुर यादव ने सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर खाने की गुणवत्ता शिकायत की थी।
सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर सेना के खराब खाने की शिकायत करने वाले तेज बहादुर यादव को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बर्खास्त कर दिया गया है। हालांकि तेज बहादुर का कहना है कि उनकी लड़ाई सारे सैनिकों के लिए है। यादव ने गुरुवार (20 अप्रैल) को कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा, ”मैंने खाने का सबूत दिया है मगर मुझे न्याय नहीं मिला। मैं अदालत जाऊंगा। मुझे न्याय पाने का पूरा भरोसा है। मैं अपनी आखिरी सांस पर सैनिकों के लिए लड़ूंगा। शिकायतें पहले भी आईं थीं मगर किसी ने ध्यान नहीं दिया। यह मेरा कर्त्तव्य था कि मैं सरकार के सामने इसका खुलासा करता।” यादव ने कहा कि उन्होंने आवाज़ इसलिए उठाई ताकि सेना में आने वाली नई पीढ़ी को ऐसे ही हालातों का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा, ”अधिकारियों ने मुझे बंद करके रखा और परिवार से बात नहीं करने दी। मुझे अपना फोन तब दिया गया जब मैं अदालत गया।”
एक दिन पहले ही यादव ने सरकार से समर्थन की गुहार लगाई थी और कहा था कि अगर सरकार उनका साथ नहीं देती तो वे न्यायालय की शरण लेंगे। बुधवार (19 अप्रैल) को यादव ने कहा कि वह इस मामले को लेकर हाई कोर्ट से न्याय मांगेंगे। उन्हें बुधवार को ही अपनी बर्खास्तगी के आदेश मिले, जिसके बाद वह तीन टन के ट्रक में अपने सामान के साथ कैंटोनमेंट से बाहर चले आए।
बुधवार को ही तेज बहादुर की पत्नी शर्मिला ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर पति की बर्खास्तगी पर प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था, ””उसका (यादव) कोर्ट मार्शल कर दिया गया है। उसने जवानों के हित में ये कदम उठाया था और देश को अपना खाना दिखाया था। इसके बाद कोई भी मां अपने बच्चे को फौज में भेजेगी क्या? उसने ऐसा कौन सा गुनाह किया था जो उसकी 20 साल की सर्विस हो गई थी और उसको डिसमिस कर दिया गया। सरकार को चाहिए था कि उसको बाइज्जत घर भेज दे, सरकार ने ये बहुत गलत किया है। इससे कोई भी मां अपने बच्चे को सेना में भेजने से डरेगी।”