MCD चुनाव: आप के अंदुरुनी सर्वे के बहाने भाजपा कर रहीं है 202 सीट जीतने का दावा
दिल्ली में एमसीडी चुनावों से पहले भाजपा ने 202 सीटें जीतने का दावा किया है बस फ़र्क़ इतना है कि भाजपा ने आम आदमी पार्टी के इंटरनल सर्वे का सहारा लिया | दरअसल 'आप' ने MCD चुनावों के लिए एक इंटरनल सर्वे कराया मगर अभी उस सर्वे को सार्वजनिक नहीं किया जिसपर भाजपा हमला बोलते हुए कहा कि वह अपने इंटरनल सर्वे को इसलिए सार्वजनिक नहीं कर रही है क्योंकि इसमें भाजपा को 202 सीटें मिल रही हैं।
दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता तेजिंदर पाल बग्गा ने दावा किया कि आप के अंदरुनी सर्वे में भाजपा को 202 सीटें मिल रही हैं। इसके चलते आप ने चुनाव से पहले अपना सर्वे रिलीज नहीं किया। बग्गा ने सोमवार (17 अप्रैल) रात को ट्वीट किया, ”अरविंद केजरीवाल के अंदरुनी सर्वे में भाजपा 202 सीटें जीत रही हैं इसीलिए पहली बार वे चुनाव से पहले अपना सर्वे रिलीज नहीं कर रहे। केजरीवाल जी डर गए हैं।” एमसीडी चुनाव 23 अप्रैल को होने हैं और 26 तारीख को इसके नतीजे घोषित किए जाएंगे। भाजपा 10 साल से एमसीडी की सत्ता में काबिज है। इस बार दिल्ली में भाजपा, कांग्रेस और आप के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।
वहीं एक न्यूज़ चैनल की रिपोर्ट के अनुसार आप दो-तीन दिन में सर्वे को जारी कर सकती है। उसने पांच से 15 अप्रैल के बीच यह सर्वे कराया है और करीब 31 हजार लोगों से उनकी राय जानी गई है। आप एमसीडी में भाजपा के 10 साल के कार्यकाल को मुद्दा बनाते हुए मैदान में हैं। वहीं भाजपा केजरीवाल सरकार के दो साल के कामकाज को निशाना बना रही है। साथ ही वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को भी भुनाने की कोशिश में लगी है। कांग्रेस सरकार चलाने के अपने अनुभव को गिनाते हुए चुनौती दे रही है। दिल्ली में उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी ये तीन नगर निगम हैं। इनमें एनडीएमसी और एसडीएमसी में 104-104 वार्ड हैं। वहीं ईडीएमसी में 64 वार्ड हैं।
2015 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में आप ने 70 में से 67 सीट जीतकर सरकार बनाई थी। भाजपा को इन चुनावों में केवल तीन सीट मिली थी तो कांग्रेस का सफाया हो गया था। लेकिन हाल ही में राजौर गार्डन उपचुनाव को जीतकर भाजपा ने आप के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। यहां पर आप तीसरे पायदान पर रही थी और उसके उम्मीदवार की जमानत भी जब्त हो गई थी। आप विधायक जरनैल सिंह के इस्तीफा देने के बाद यह सीट खाली हो गई थी। जरनैल सिंह ने पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए दिल्ली विधानसभा से इस्तीफा दिया था।