छलावा है तीन तलाक़ पर बोर्ड की जारी आचार संहिता: जावेद अख्तर
नई दिल्ली: मशहूर गीतकार और राज्यसभा के पूर्व सांसद जावेद अख्तर ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की निंदा की है। उन्होंने बोर्ड द्वारा हाल ही में जारी किए गए आचारसंहिता को छलावा करार दिया है और सवाल पूछा है कि तीन तलाक का दुरुपयोग क्या होता है। सोशल मीडिया पर आज उन्होंने लगातार दो ट्वीट किए। उन्होंने लिखा है, “तीन तलाक के दुरुपयोग का क्या मतलब होता है। कल तो हमें यह भी सुनने को मिल सकता है कि छेड़छाड़ का दुरुपयोग हुआ। रेप का दुरुपयोग हुआ, पत्नी को पीटने का दुरुपयोग हुआ।” उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का उन लोगों का बहिष्कार करना, जो तीन तलाक का दुरुपयोग करते हैं, एक छलावा है। उन्होंने कहा कि तीन तलाक खुद ही गलत प्रथा है और इस पर अविलंब प्रतिबंध लगना चाहिए।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मोहम्मद रबी हसन नदवी ने कहा था कि कुछ लोग तीन तलाक का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि इसके लिए शरियत के इस कानून को बदलने की जरूरत नहीं है बल्कि ऐसे लोगों को सही करने की जरूरत है जो इसका दुरूपयोग करते हैं।
दरअसल, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने दो दिन की मैराथन बैठक के बाद मुस्लिमों के लिए एक आचारसंहिता जारी की थी जिसमें तीन तलाक देने वालों का सामाजिक वहिष्कार करने की बात कही गई थी। इसके साथ ही बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने प्रेस वार्ता में कहा था कि बोर्ड तीन तलाक की व्यवस्था में किसी भी तरह का परिवर्तन करने से इंकार करता है। उन्होंने कहा कि आचार संहिता के जरिए तलाक के मामलों के शरई निर्देशों की असली सूरत सामने रखी जा सकेगी।
इसके साथ ही रहमानी ने कहा था कि अगले डेढ़ साल में तीन तलाक को खत्म कर दिया जाएगा। इस मामले में उन्होंने सरकार को दखल न देने को कहा था। उन्होंने बताया कि बोर्ड ने यह फैसला किया है कि बिना किसी शरियत के एक ही बार में तीन तलाक देने वाले लोगों का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। बोर्ड तमाम उलेमा और मस्जिदों के इमामों से अपील करता है कि इस कोड आफ कंडक्ट को जुमे की नमाज के खुतबे में पढ़कर नमाजियों को जरूर सुनाएं और उस पर अमल करने पर जोर दें।