लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अगुवाई में हर रोज हो रहे शानदार फैसलों और भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुई मुहिम से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी हताश हो गए हैं। चुनाव में मिली करारी हार की समीक्षा करने की बजाए ईवीएम मशीनों पर सवाल उठा कर अखिलेश जी जनादेश का मजाक उड़ा रहे हैं।

श्री त्रिपाठी ने कहा कि उनकी सरकार में हुए भ्रष्टाचार, गुंडाराज और सत्ता पर कब्जे के लिए उनके पारिवारिक झगड़े से त्रस्त उत्तर प्रदेश की जनता ने उनको नकार दिया है और अब अखिलेश जी ईवीएम पर सवाल उठा कर अपनी नाकामी छुपाने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी हताशा का एक कारण भ्रष्टाचार के खिलाफ यूपी सरकार की मुहिम भी है। योगी आदित्यनाथ जी ने उत्तर प्रदेश से भ्रष्टाचार के खात्मे का संकल्प लिया है और इसी दौरान अब तक रिवर फ्रंट घोटाला, एक्सप्रेस वे घोटाला, एलडीए में प्लांटों के भूपयोग बदलने का घोटाला, जेपीएनआईसी घोटाले जैसे मामले सामने आ चुके हंै। लगातार सामने आ रहे इन घोटालों के चलते अखिलेश जी की हताशा इस अंजाम तक पहुँच गई है कि वो एक बार फिर नए गठबंधन की बात करने लगे हैं, ये जानते हुए भी कि राहुल गांधी जी के साथ उनके साथ को जनता पूरी तरह नकार चुकी है और अब राहुल जी और अखिलेश जी जनता के बीच एक साथ जाने से भी घबरा रहे हैं।

प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि गठबंधन के लिए उतावले अखिलेश जी को भी ये भी नहीं भूलना चाहिए कि उनकी ही पार्टी ने किस तरह गेस्ट हाउस कांड में बहन मायावती पर कातिलाना हमला किया था। इतना ही नहीं समाजवादी पार्टी की सरकार ने गरीबों, पिछड़ो और दलितों के साथ कितना अत्याचार किया गया था। अखिलेश जी को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि उनकी ही कैबिनेट के सबसे मजबूत मंत्री और समाजवादी पार्टी में उनके सबसे करीबी नेता आजम खान बाबा साहब की मूर्तियों के लिए कैसे शब्दों का इस्तेमाल करते थे ? श्री शलभ मणि ने कहा अच्छा होता कि श्री अखिलेश यादव जी सपा सरकार में हुए उ0प्र0 की सम्मानित जनता के साथ हुए अन्याय, अत्याचार के लिए प्रदेश की जनता से क्षमा मांगते।