साहित्य संस्कृति का संगम बना पुस्तक मेला
लखनऊ। सांस्कृतिक नगरी के मोतीमहल लान राणाप्रताप मार्ग में समापन की ओर बढ़ चला पुस्तक मेला साहित्य और संस्कृतिप्रेमियों का संगम स्थल बना हुआ है। मेले में विविध साहित्य के स्टालों में पुस्तकप्रेमियों का हुजूम है तो दोनों सांस्कृतिक मंचों पर साहित्यिक और गीत-संगीत, कवि सम्मेलन मुशायरे और प्रतियोगिताओं का दौर सुबह से देर रात तक जारी है। मेले में कल पहली बार विख्यात मानवीय प्रेरक सूर्या सिन्हा का कार्यक्रम चलेगा जिसे लेकर युवाओं में कौतूहल है।
यहां रोज़ सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक चलने वाले निःशुल्क पुस्तक मेले में कलाप्रेमियों के लिए मंच आयोजनों के अतिरिक्त कला प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया है। युवा छायाकार आदित्य हवेलिया के 36 वन्यजीव छाया चित्रों की प्रदर्शनी यहां लगी हुई है। इनमें भारतीय वन्यजीवों के साथ ही अफ्रीकी वन्यजीवों के दुर्लभ क्षणों को छायाकार आदित्य ने कैद किया है। इसके अतिरिक्त इंस्टालेशन विधा से प्रेरित एक शिल्प के साथ योगेश प्रजावति कुल पांच मूर्तिशिल्प यहां प्रदर्शित हैं। इनमें युवा दर्शक खासी दिलचस्पी ले रहे हैं। यू ंतो मेले में हर तरह के साहित्य के स्टाल है पर स्थानीय लेखकों के स्टाल मंे शंकर सुल्तानपुरी, आलोक शुक्ला, सुधा शुक्ला, डा.अशोक शर्मा, शैलेन्द्र मिश्र, महेशचन्द्र द्विवेदी, अखिलेश निगम, नीरजा द्विवेदी, इ.जवाहरलाल, वीरेन्द्रकुमार सक्सेना अधीर, डा.रश्मि श्रीवास्तव आदि रचनाकारों की पुस्तकों के साथ ही हमारी धरती जैसी पत्रिकाएं भी प्रदर्शित हैं।
बाल-युवा मंच पर आज कार्यक्रमों की शुरूआत लक्ष्य संस्था की ओर से मनमोहन बाराकोटी के संयोजन में हुए कवि सम्मेलन से हुआ। जहां डा.अजय प्रसून की काव्यकृति का विमोचन भी किया गया। ज्योति किरन के संयोजन में हुई अभिनय, नृत्य, गीत-संगीत व हास्य प्रस्तुति आदि की प्रतियोगिताओं में आज विशाल-विनीत, पियूष-सिमरन, वर्तिका, अश्वित रतन, उन्नति, जाह्नवी, सिद्धि, आदित्य, के साथ ही युवा अरुण निषाद ने प्रतिभा दिखाई। बेबी शो में अशुता दूबे व युक्ति सिंह ने भाग लिया तो अभिभावकों में डा.अंजलि गुलाटी ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया। थियेटर एवं फिल्म वेलफेयर एसोसिएशन और ज्वाइन हैण्डृस फाउण्डेशन के संयोजन में चल रहे हास्य नाट्य समारोह के अंतर्गत आजाद थियेटर की ओर से आरके शर्मा के लिखे व मुहम्मद फुजैल के निर्देशन में मंचित नाटक ‘तौबा-तौबा’ में मुदस्सिर अंसारी, यूसुफ ख़ान, रजत शर्मा, किरन पटेल, अमन शर्मा, महबूब शेख, विनीत सिंह व विशालकुमार का अभिनय दर्शकांे को गुदगुदा गया। पाश्र्व मंें रवि श्रीवास्तव शान, ए.एम अभिषेक, विपिन अग्निहोत्री, प्रियंकी गुप्ता व दबीर सिद्दीक़ी का सहयोग रहा। इससे पहले नैचुरोपैथ डा.श्रुति कौशिक ने प्राकृतिक तौर तरीकों से स्वस्थ्य रहने के उपाय बताए और गोरक्षा व पंचगव्य के महत्व को रखते हुए डा.मोहित द्विवेदी ने पंचगव्य से बनी औषघियों का प्रदर्शन कर उनके बारे में बताया।
अंजुमन प्रकाशन की ओर से पत्रकार नवीन जोशी के अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में जहां नवलेखन पुरस्कार से अनूपमणि त्रिपाठी को अलंकृत किया गया वहीं ओम नीरव, डा.दीपक रूहानी, डा.अनिल मिश्रा, के.के.अस्थाना, बंधु कुशावर्ती आदि की उपस्थिति में वीके जोशी की अवधः कुछ कहती हैं दीवारें के हिन्दी व अंग्रेजी संस्करण, डा.शरदेन्दु मुखर्जी की पृथ्वी के छोर पर, कौस्तुभ आनन्द चन्दोला की संन्यासी योद्धा, दीपक गोस्वामी की भाव पंछी और अनूपमणि की शोरूम मंे जननायक जैसी छह किताबों का विमोचन हुआ। साथ ही यहां परिचर्चा और कविताओं को आनन्द भी पुस्तक प्रेमियों ने लिया। आभा सक्सेना की दो भागों में छपी नव्य संगीत प्रवीण के विमोचन में प्रो.श्रुति सडोलीकर, डा.सुभाषा मिश्रा, व अमित मुखर्जी ने विचार रखे। संस्कार भारती के संगीत माधुरी कार्यक्रम में विमल पंत और सखियों ने प्रचलित लोकगीतों के साथ ही योगेश प्रवीन, डा.विद्याविन्दु सिंह, कनक वर्मा व विजयलक्ष्मी नवल के गीतों को गाया। घनश्याम मोरी रोके डगरिया…..व आंगने में कुंइयां राजा….. जैसे गीतों पर ज्योति रतन व शिवांगी ने नृत्य प्रस्तुति भी दी। लेखक से संवाद कार्यक्रम में डा.शम्भुनाथ से मनोरमा लाल ने बात की तो दूसरे सत्र में शीला मिश्रा और डा.रश्मिशील शुक्ला आमने सामने थे। इससे पहल युवा स्वर कार्यक्रम में अमितांशु के सुरीले स्वरों को श्रोताओं को लोगों ने पसंद किया। कार्यक्रमों का समापन आज अनंत अनुनाद संस्था की ओर से आयोजित काव्य समारोह में सुनीलकुमार बाजपेयी, घनानन्द मेघ, डा.अशोक शर्मा, अशोककुमार पाण्डेय, नरेन्द्र भूषण के काव्यपाठ से हुआ।