सामने आने लगे पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार के कारनामे: डा0 चन्द्रमोहन
लखनऊ: प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव अभी भी विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की बुरी हार को स्वीकार नहीं कर पाए हैं। श्री यादव लगातार अपने बयानों से प्रदेश की सम्मानित जनता का अपमान कर रहे हैं। श्री यादव का बार-बार यह कहना कि प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी बीजेपी सरकार जनता को बहका रही है, उनकी अस्वस्थ मानसिक स्थिति ही प्रदर्शित कर रही है।
प्रदेश पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश पार्टी प्रवक्ता डाॅ0 चन्द्रमोहन ने कहा कि प्रदेश की पूज्जनीय जनता बेहद जागरूक और समझदार है। इन्हें कोई भी बहका नहीं सकता है। विधानसभा चुनाव में श्री अखिलेश यादव ने ‘काम बोलता है’ जैस हास्यास्पद नारे के जरिए प्रदेश की जनता को धोखा देने की कोशिश की थी जिसका नतीजा उनके सामने है। प्रदेश की जनता का सम्मान करने की बजाय श्री अखिलेश यादव जी बार-बार प्रदेश की जनता को केंद्र में रखकर अनर्गल बातें कह रहे हैं।
प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 चन्द्रमोहन ने बताया कि असल में जनता के सामने श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सपा सरकार के कारनामों की पोल खुल रही है। रोज इनकी सरकार के कारनामे सामने आ रहे हैं। इससे घबरा कर श्री अखिलेश यादव ध्यान बंटाने के लिए इधर-उधर की बातें कर रहे हैं। पूर्ववर्ती सपा सरकार की कोई ऐसी योजना नहीं है जिसमें जमकर भ्रष्टाचार और जनता की गाढ़ी कमाई की लूट न हुई हो।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि लखनऊ में रिवर फ्रंट डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट, जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल कम्युनिटी सेंटर, हुसैनाबाद के सुंदरीकरण समेत सभी प्रोजेक्ट के जरिए सरकारी धन की जमकर लूट हुई है। इस धन से सपा सरकार के नेताओं और माफियाओं ने अपनी तिजोरियां भरी हैं।
प्रदेश में आदरणीय श्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार बनने के बाद जिस तरह से एक-एक करके निर्माण प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार उजागर हो रहा है उससे सपा के शीर्ष नेता घबरा गए हैं। जनेश्वर मिश्र में 40 करोड़ रुपए का काम 400 करोड़ में कराया गया। दस गुना दाम पर पत्थर खरीदे गए। राष्ट्रध्वज के नाम पर भी लूट की गई। अब प्रदेश की बीजेपी सरकार में पोल खुलने के डर से सपा के नेता अनर्गल बयानबाजी करके एक बार फिर जनता का ध्यान बंटाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन प्रदेश की आदरणीय जनता इनकी नीयत भलीभांति समझ रही है।