सुकून चाहिए किताबों के मेले आइए
पुस्तक मेले में रही गीत-संगीत, विमोचन और शायरी की धूम
लखनऊ। आपाघापी भरे जीवन में सुकून तलाशने वाले लोगों के लिए मोतीमहल लान राणाप्रताप मार्ग में उत्तरार्ध की ओर बढ़ चला पुस्तक मेला बहुत कुछ लाया है। यहां अध्यात्म, दर्शन और वैदिक साहित्य से जुड़े स्टाल खासी संख्या में हैं। यहां सहज योग भी सिखाया जा रहा है तो बाइबिल फ्री मिल रही है। व्यस्त जिंदगी में हंसी-खुशी जीवन जीने की कला सिखाने और रहस्य सामने रखने वाली बहुत सी कितावें हैं। मेले में आज आयोजकों की ओर से शान ए लखनऊ सम्मान भी प्रदान किया गया।
यहां रोज़ सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक चलने वाले निःशुल्क पुस्तक मेले में सौ देशों में फैले संगठन हैप्पी सांइस के स्टाल पर जापान के अंतर्राष्ट्रीय अध्यात्मिक गुरु रेयुहो ओकावा की अजेय नेतृत्व के नियम, सोचो तो बड़ा व प्रसन्ना के नियम जैसी किताबें हैं। ये सामग्री आज के दौर में सुखी रहने का आंदोलन का हिस्सा हैं। अवतार मेहर बाबा के स्टाल पर रोजमर्रा के जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान देने वाली डिस्कोर्स जैसी किताब के साथ दर्शन पर ‘जीवन दर्शन’ सरीखी कई किताबें है। कुण्डली योग रिसर्च के स्टाल पर अध्यात्मिक साहित्य के संग संस्थान के पाठ्यक्रमों के बारे में भी लागे जानकारी ले रहे हैं। राजधानी में गोमतीनगर, इंदिरानगर, आशियाना सहित 26 स्थानों में केन्द्र चला रहे सहज योग के स्टाल पर लोगों को सहज योग की सरल जानकारी दी जा रही है। रामकृष्ण मठ के स्टाल का विवेकानन्द वेदांत साहित्य भी आम लोगों को रुचिकर लग रहा है। वैदिक साहित्य के स्टाल पर स्वामी दयानन्द सरस्वती के साथ ही नाम के अनुरूप साहित्य है। ओशो साहित्य के स्टाल पर पुस्तकों के साथ ही सीडी भी हैं। प्रशांत अद्वैत फाउण्डेशन के स्टाल की नई मानवता के सृजन का पाठ सिखाने वाली 19 किताबों की नई अध्यात्मिक दृष्टि सामान्य जन को भा रही है। द गिडियंस के स्टाल पर मसीही साहित्य की किताबें है तो यहां बाइबल साहित्यप्रेमियों को मुफ्त मिल रही है। लखनऊ वास्तु के स्टाल पर ज्योतिष, वास्तु और फेंग्शुई से सम्बंधित सामग्री युवाओं को खासा अकर्षित कर रही है। अहमदिया कम्युनिटी के स्टाल पर हजरत मुहम्मद मुस्तफा (सअव) की शिक्षाओं से सम्बंधित किताबें हैं।
मंच पर हुए कार्यक्रमों में आज मेला आयोजन समिति की ओर से रामकृष्ण मठ के स्वामी निर्विकल्पानन्द, आयोजक मनोज सिंह चंदेल, व सहसंयोजक टीपी हवेलिया ने शिक्षाविद् जगदीश गांधी को शान ए लखनऊ सम्मान प्रदान किया। इस अवसर पर हरिओम शर्मा की किताब आइडियाज दैड इम्पावर का विमोचन कवयित्री रमा आर्य रमा, संचालक पीआर पाण्डेय, पत्रकार मनोज तोमर, वेदप्रकाश आर्य उमेशचन्द्र तिवारी, योगाचार्य अशोक केवलानी की उपस्थिति में हुआ। सम्मानित जगदीश गांधी ने कहा कि वे समाज के लिए काम कर रहें हैं। आज पुस्तक मेले में पहली बार कला से सम्बंधित पुस्तकें विमोचित हुईं। ज्योति किरन रतन की तीन किताबों का विमोचन प्रसिद्ध कलाकार मो.शकील ने व्यवसायी अशोेक खन्ना, एसएम सेठ, रेजी राॅस, जूली राॅस आदि की मौजूदगी में हुआ। इससे पहले अष्टम राॅक बैण्ड ग्रुप के आकाश श्रीवास्तव और साथियों ने मधुर गीतों की प्रस्तुति से माहौल को जीवंत कर दिया। शाम को बाल-युवा मंच पर धीरेन्द्र कुमार और साथियों के राॅक बैण्ड के संगीत की धूम मेले की रौनक बन गई। कार्यक्रमों में आज 12 विभूतियों ताहिरा हसन, मालविका हरिओम, सत्या सिंह, कुसुम वर्मा, डा.अमिता दूबे, मधुरिमा तिवारी, आंचल, शीला पाण्डे, वत्सला पाण्डे, आभा खरे , भावना मौर्य व अनीता श्री को रेयान सम्मान से अलंकृत किया गयौ यहां राज्यमंत्री स्वाति सिंह आमंत्रित थीं। युवा कवियों और शायरों से सजे नई कलम की रचनाएं भी सराही गईं। क्विज़, गायन, ड्राइंग आदि की प्रतियोगिताओं में आज अदिति, रूबल जैन, आयुषी श्रीवास्तव, अभिनव, गिन्नी सहगल, रक्षंदा, तबस्सुम, ज्योतिका आदि ने भाग लिया। यहां सनातन धर्म से प्रेरित डा.अगम दयाल की पुस्तक ‘ईश्वर दर्शन की खिड़की’ का विमोचन भी हुआ।
कलाकार के हाथों आर्ट बुक का विमोचन
लखनऊ, 12 अप्रैल। पुस्तक मेला मंच मोतीमहल लान में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार मोहम्मद शकील ने ज्योति किरन रतन व पं्रभा राजन की तैयार होली ट्रिनिटी पब्लिकेशन्स की ‘माई आर्ट बुक’ सीरीज की तीन किताबों का विमोचन किया। ज्वाइन हैण्ड्स फाउण्डेशन की ओर से आयोजित रेज़ी लारेंस के संचालन में चले और ईशा-मीशा की संयुक्त कृष्ण वंदना पर कथक की प्रस्तुति से शुरू हुए इस कार्यक्रम में संरक्षक अशोक खन्ना ने नई पीढ़ी के लिए ऐसी ही मार्गदर्शक कला किताबों की जरूरत बतायी। प्रकाशक की ओर से एसएम सेठ ने तकनीकी पक्ष़्ा की चर्चा की तो मुख्य अतिथि मोहम्मद शकील ने कहा कि जिस चरणबद्ध ंतरीके से शृंखला की पुस्तकों पर दोनों रचनाकारों ने काम किया है, वह मनोविज्ञान के जानकार कलाकारों द्वारा ही सम्भव है। कलाकार ज्योति किरन ने कहा कि समूची टीम की मेहनत और सहयोग के बल पर ही यह किताबें सामने आ पाई हैं। फाउण्डेशन के महासचिव आर आर सिंह और कार्यकारी सचिव जूली राॅस ने अतिथियों का सम्मान करते हुए सभी को स्मृतिचिह्न, अंगवस्त्र और सृजन के प्रतीक पौधे प्रदान किये।