मुसलमानों ने हनुमान मंदिर के लिए दान दी अपनी जमीन
बेगूसराय : बिहार के बेगूसराय जिले में रामनवमी के दौरान मुस्लिमों ने एक हनुमान मंदिर का जीर्णोद्धार कर सांप्रदायिक सौहार्द की अनोखी मिसाल पेश की है. जिले के बखरी क्षेत्र में इस मंदिर के लिए मुस्लिम परिवारों ने न केवल अपनी जमीन दान दी, बल्कि अपनी क्षमता के हिसाब से आर्थिक मदद की और श्रमदान भी किया.
बखरी के शहीद चौक पर स्थापित प्राचीन हनुमान मंदिर काफी जर्जर हो गया था. जगह की कमी के कारण श्रद्धालुओं को यहां पूजा-पाठ में काफी परेशानी होती थी. इस मंदिर पर बखरी के थाना प्रभारी सुनील कुमार की नजर पड़ी. उन्होंने इस मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए स्थानीय लोगों से बात की. मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए तो सभी तैयार थे, लेकिन सबसे बड़ी समस्या जमीन को लेकर थी. मंदिर के आसपास मुस्लिम परिवारों की जमीन थी. जब इस बारे में मुस्लिम परिवारों से बात की गई, तो वे खुद आगे आए. थाना प्रभारी ने बताया कि मोहम्मद मुर्तजा ने स्वेच्छा से मंदिर के पास की अपनी जमीन मंदिर के लिए दान दे दी, जबकि मोहम्मद तुफैल अहमद, मोहम्मद सलीम और कारी अहमद ने इस कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
जमीन मिलने के बाद मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू हो गया. इसके बाद कई स्थानीय मुस्लिम परिवारों ने मंदिर के लिए आर्थिक सहयोग दिया और श्रमदान भी किया. जीर्णोद्धार के बाद इस हनुमान मंदिर में रामनवमी से फिर पूजा-पाठ शुरू हो गई. मुस्लिम परिवार के लोगों ने रामनवमी के मौके पर हुए आयोजनों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
बखरी में मंदिर का जीर्णोद्धार मुस्लिम परिवारों की मदद से होने की जानकारी जब बेगूसराय के पुलिस अधीक्षक रंजीत कुमार मिश्र को मिली, तो उन्होंने वहां जाकर नेकदिल इंसानों से मुलाकात की और उनकी जमकर तारीफ की. मिश्र ने कहा, 'बखरी के लोगों ने राज्य में ही नहीं, पूरे देश में सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की है. उन्होंने एक अनोखा उदाहरण पेश किया है.' मंदिर समिति के सदस्य और स्थानीय ग्रामीण मोहम्मद सलीम ने कहा, 'अगर हिंदू और मुस्लिम धर्म के नाम पर सियासी रोटी सेंकने वालों के बहकावे में न आकर एकजुट हो जाएं, तो भारत को दुनिया में सबसे शक्तिशाली देश बनने से कोई रोक नहीं सकेगा.'