किताबों का महत्व जीवन में कभी खत्म नहीं होता: प्रो.सिंह
मोतीमहल लाॅन मे डिजिटल इण्डिया’ थीम पर लखनऊ पुस्तक मेला शुरू
लखनऊ। मोती महल लान राणाप्रताप मार्ग में आज से ‘डिजिटल इण्डिया’ थीम पर आधारित ‘लखनऊ बुक फेयर-2017’ प्रारम्भ हो गया। यहां 16 अप्रैल तक रोज सुबह 11 से रात नौ बजे तक चलने वाले मेले का उद्घाटन कल मुख्यअतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.एस.पी.सिंह ने किया। मेले में कल से साहित्यिक, सांस्कृतिक, अध्यात्मिक आयोजनों, बाल-युवा प्रतियोगिताआंे का दौर फोटो प्रदर्शनी और नाट्य समारोह के संग प्रारम्भ हो जाएगा।
उद्घाटन अवसर पर अतिथियों के साथ स्टालों का भ्रमण करने के बाद प्रो.सिंह ने आयोजकों को विश्वविद्यालय में पुस्तक मेला करने का निमंत्रण दिया। अपने उद्बोधन में प्रो.सिंह ने कहा कि ज्ञान का भण्डार माने जाने वाली किताबों का महत्व जीवन में कभी खत्म नहीं होता। किताबें विचारों का खज़ाना हैं, इनमें पूरी दुनिया और सभी विषय समाए हुए हैं। अपने वक्तव्य में रामकृष्ण मठ के प्रमुख स्वामी मुक्तिनाथानन्द ने किताबों को ज्ञान का भण्डार बताया और कहा कि ऐसे पुस्तक मेले बराबर होने चाहिए।
समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ एडवोकेट बाबू रामजी दास, रचनाकार हरिओम शर्मा,, संरक्षक मुरलीधर आहूजा, राजकुमार छाबड़ा व उ.प्र. ओलम्पिक संध के उपाध्यक्ष टी.पी.हवेलिया, संजय बंसल, पत्रकार सौरभ मिश्र व एसटीएफ अधिकारी अरविंद चतुर्वेदी ने भी सम्बोधित किया। मंचासीन व्यक्तित्वों को उपहार व स्मृतिचिह्न आदि देकर आयोजकों की ओर से सम्मानित भी किया गया।
आयोजक मनोज सिंह चंदेल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय में मेला आयोजित करने के कुलपति के आमंत्रण का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि मेले में जहां किताबों के संग शब्दभेदी बाण कौशल आदि देखने के अवसर होंगे वहीं, अनेक आयोजनों के बीच इसबार लोग मेले में अनेक अध्यात्मिक आयोजनों, नाट्य समारोह के साथ विश्वविख्यात मानवीय प्रेरक सूर्या सिन्हा भी युवाओं के मार्गदर्शन के लिए आ रहे हैं।
मेले में नई टेक्नालाॅजी से छपी पुस्तकों के साथ मेले में ई-बुक, सीडी, डीवीडी, एमपी थ्री के भी अनेक स्टाल स्टेशनरी, टीचरांे व स्कूलों के लिए उपयोगी सामग्री के लगभग सौ स्टाल हैं। मेले में आने वाले नये प्रकाशकों में ‘हैप्पी साइंस’ के लिए विख्यात आईआरएच प्रेस इण्डिया, सेज पब्लिकेशन दिल्ली, दिव्य प्रकाशन उत्तराखण्ड, आॅप्टिमम एजूकेटर्स, कोरस इण्डिया मुम्बई, अवतार मेहर बाबा, दि गिडोन्स इंटरनेशनल, डिज़ाइन और आर्ट बुक के चित्रलेखा कोलकाता, विलायत फाउण्डेशन, न्यू एज इंटरनेशनल, ईशा फाउण्डेशन कोयम्बटूर, बिन्दल पेपर्स, मेड ईजी पब्लिकेशन, पत्रिका पब्लिकेशन, अग्रवाल पब्लिकेशन आगरा, गार्गी प्रकाशन दिल्ली और अंजुमन प्रकाशन इलाहाबाद आदि प्रमुख हैं। मेले का समापन 16 अप्रैल को राज्यमंत्री स्वाति सिंह करेंगी।
मुख्य संरक्षक मुरलीधर आहूजा ने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि मेले में कवि सम्मेलन-मुशायरे का आनन्द लेने के साथ लेखकों-कवियों के साथ बात करने के मौके मिलेंगे ही साथ ही पुस्तक प्रेमियों के लिए बुक लवर्स लाउंज भी होगा। स्थानीय लेखकों की पुस्तकों के लिए भी एक स्टाल रखा गया है। कला एवं फोटो प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही है। आॅफीशियल सहयोगी रायल कैफे के फूड जोन में लोग विविध व्यंजनों का स्वाद ले सकेंगे।
शीला पाण्डेय के संचालन में चले कार्यक्रम में संरक्षक राजकुमार छाबड़ा ने बताया एकदम निःशुल्क प्रवेश वाले इस मेले में जहां इस पुस्तक मेले में किताबों पर न्यूनतम 10 प्रतिशत तक छूट हर खरीदार को मिलेगी वहीं पुस्तक प्रेमियों को बहुत कुछ नया देखने को मिलेगा। मेला प्रतिदिन सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक जारी रहेगा। मनोज चंदेल ने बताया कि विद्यार्थियों को पुस्तकों के प्रति लगाव पैदा करने के मकसद से शहर भर के अनेक स्कूलों को मेले में आमंत्रित किया गया है। युवा पण्डाल के मंच पर बच्चों, किशोरों और युवाआंें की गीत-संगीत, नृत्य व फैंसी ड्रेस इत्यादि की विविध प्रतियोगिताएं ज्योति किरन कें संयोजन में नित्य चलेंगी। इसके अतिरिक्त मुख्य सांस्कृतिक मंच पर रात तक नाटक, परिचर्चा, कवि सम्मेलन, मुशायर,े व्यंग्य पाठ आदि के बीच पाठकों और नये रचनाकारों के अनेक कार्यक्रम चलेंगे।यह लखनऊ पुस्तक मेला कई दृष्टियों से अन्य पुस्तक मेलों से भिन्न और भव्य होगा।