‘इमारतों को ढहाकर इतिहास पर पानी नहीं फेरा जा सकता.’
मुंबई में जिन्ना हाउस को ढहाने के विचार पर इमरान खान ने जताई आपत्ति
मुंबई: हाल ही में मुंबई स्थित मोहम्मद अली जिन्ना की विशाल कोठी को ढहाने के विचार पर पाकिस्तान ने आपत्ति जताई थी. अब पाकिस्तान के क्रिकेटर और राजनेता इमरान खान ने एक ट्वीट के माध्यम से लिखा है कि जिन्ना हाउस को हाथ नहीं लगाया जाना चाहिए. उन्होंने लिखा 'इमारतों को ढहाकर इतिहास पर पानी नहीं फेरा जा सकता.'
गौरतलब है कि पिछले महीने बीजेपी विधायक और रियल एस्टेट डेवलपर मंगल प्रभात लोढा ने कहा था कि दक्षिणी मुंबई में स्थित जिन्ना हाउस को ढहा देना चाहिए क्योंकि 'बंटवारे का बीज' यहीं बोया गया था और इसकी जगह एक सांस्कृतिक सेंटर तैयार किया जाना चाहिए. जिन्ना हाउस, 2.5 एकड़ की जमीन पर बनाया गया है जिसकी मौजूदा कीमत करीब 40 करोड़ डॉलर है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकरिया ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह संपत्ति पाकिस्तान के संस्थापक की है और इसके 'मालिकाना अधिकारों' का सम्मान किया जाना चाहिए.
जिन्ना हाउस अपनी विशाल बनावट, इटालवी मार्बल और अखरोट की लकड़ी के काम के लिए जाना जाता था. 1982 में इसे खाली कर दिया गया लेकिन इससे पहले यह कई सालों तक ब्रिटेन के डिप्टी हाई कमिश्नर का ठिकाना बना हुआ था. पाकिस्तान ने कई बार भारत से निवेदन किया है कि या तो यह घर पाक सरकार को बेच दिया जाए या फिर उनके दूतावास को इसे लीज़ पर दे दिया जाए. फिलहाल यह घर खाली है और इसकी हालत लगातार खराब होती जा रही है.
बीजेपी के लोढा ने कहा था 'जिन्ना हाउस बंटवारे की पहचान है. इसे ढहाया जाना चाहिए.' उनका तर्क था कि 30 के दशक में यूरोपियन स्टाइल का यह सी फेसिंग बंगला देखरेख के नाम पर काफी खर्चा मांग रहा है. उधर जिन्ना की बेटी दिना वाडिया इस मामले पर भारत से अलग ही कानून लड़ाई लड़ रही हैं. उनके बेटे नुसली मुंबई में रहते हैं और वह बॉम्बे डाइिंग जैसी बड़ी कंपनी के मालिक हैं.