बातचीत से ही निकले राम जन्मभूमि विवाद का हल: योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद का हल बातचीत से ही निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कोर्ट के आदेशों का ही पालन कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आरएसएस के मुखपत्र ‘पांचजन्य’ को दिए इंटरव्यू में योगी ने बताया कि वे सुप्रीम कोर्ट की बात का स्वागत करते हैं कि इस मसले का हल बातचीत से निकाला जाना चाहिए। सरकार इस मामले में पक्षकार नहीं है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2010 में अपने फैसले में साफ कर दिया था तो अब मिलजुलकर समाधान निकाल लेना चाहिए।
भाजपा सरकार बनने के बाद यूपी में बूचड़खानों पर कार्रवाई के सवाल पर योगी ने कहा कि अवैध कत्लखानों पर ही कार्रवाई की गई है और यह कानूनसंगत है। एनजीटी और हाईकोर्ट ने अवैध बूचड़खानों को लेकर सरकार को निर्देश दिए थे। उसी के अनुसार कार्रवाई की गई है। अब जो अवैध है उसे वैध तो कहा नहीं जा सकता। जिसके पास लाइसेंस है उसे परेशान नहीं किया जाएगा। सारी कार्रवार्इ कानूनी तरीके से ही की जाएगी।
राज्य में मांस की कमी के मुद्दे पर लोगों की प्रतिक्रियाओं के बारे में आदित्यनाथ ने कहा कि वे किसी व्यक्ति पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते। हर व्यक्ति का अपना मत होता है। संविधान में सभी को स्वतंत्रता दी गई है। एक अमेरिकी अखबार के आलोचना वाले लेख पर उन्होंने कहा कि जिन लोगों को भारत की समृद्धि अच्छी नहीं लग रही है, वे ही लोग इस तरह की बातें कर रहे हैं।
भाजपा सरकार के कामकाज की प्राथमिकताओं को लेकर उन्होंने कहा कि काम करने के तरीके से वे समाज के सभी लोगों का दिल जीतेंगे। काम से ही पहचान होगी। किसी भी व्यक्ति के साथ उसके धर्म या जाति के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा। योगी ने कहा कि जो लोग अभी तक धर्म निरपेक्षता के नाम पर तुष्टीकरण का काम कर रहे थे उन्हें बुरा लग रहा है इसलिए वे नकारात्मक बात कर रहे हैं। यूपी में भाजपा को जो बड़ा बहुमत मिला है उसके साथ बड़ी जिम्मेदारी भी आई है।