मोदी राज में तेज़ी से बढ़ी वीआरएस लेने वाले जवानों की संख्या
नई दिल्ली: पैरामिलिट्री फोर्स यानि अर्धसैनिक बल में समय से पहले रिटायरमेंट लेने वालों की संख्या में पिछले एक साल में बहुत ज्यादा बढ़ोत्तरी हुई है। संसद में सरकार की तरफ से पेश एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल वीआरएस लेने वालों की संख्या में 450 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि अपने निजी कारणों के चलते इन अर्धसैनिकों ने समय से पहले रिटायरमेंट ले लिया है। रिजिजू ने ये भी बताया कि साल 2016-17 में 9065 अर्धसैनिकों ने वीआरएस लिया है इसमें ज्यादातर सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी और असम राइफल्स के हैं।
आपको बता दें कि साल 2014-15 में समय से पहले नौकरी छोड़ने वालों की संख्या 5289 थी। 2015-16 में वीआरएस लेने वालों की संख्या में भारी कमी आई और उससाल सिर्फ 2105 अर्धसैनिकों ने ही समय से पहले रिटायरमंट लिया था। 2016-17 में वीआरएस के आंकड़ों में 450 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पैरैमिलेट्री फोर्स के सूत्रों की मानें तो ज्यादातर अर्धसैनिक अपनी नौकरी में तनाव, कम तन्ख्वाह और कठिन हालातों में काम करने की अनिवार्यता के चलते वीआरएस ले कर समय से पहले ही नौकरी छोड़ देते हैं।