नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया के दौरान नतीजों को लेकर किसी भी तरह की तरह की भविष्‍यवाणी के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाया दिया है। ईसी ने गुरुवार शाम को राजनैतिक पंडितों, भविष्‍यवक्‍ताओं और टैरो कार्ड रीडर्स द्वारा चुनावी भविष्‍यवाणी करने पर रोक लगाने की घोषणा की। इसका अर्थ यह है कि चुनाव को लेकर ज्‍योतिषी और टैरो कार्ड रीडर भी कोई अनुमान नहीं लगा सकेंगे। पिछले कुछ चुनावों में, कई समाचार चैनलों द्वारा स्‍टूडियों में ज्‍योतिषियों और टैरो कार्ड रीडर्स को बुलाकर उनसे चुनाव के विजेता के बारे में भविष्‍यवाणी कराई गई है। हाल ही में संपन्‍न हुए पांच राज्‍यों के विधानसभा चुनाव के दौरान दैनिक जागरण के वेब-पोर्टल ने यूपी का एग्जिट पोल समय से पहले ही प्रकाशित कर दिया था। 11 फरवरी को यूपी के पहले चरण के विधानसभा चुनाव के बाद शाम को दैनिक जागरण की वेबसाइट पर एग्जिट पोल पोस्ट किया गया था। एग्जिट पोल में अन्य पार्टियों पर भाजपा की बढ़त दिखाई गई थी। सर्वे में दूसरे नंबर पर बसपा और तीसरे नंबर पर सपा-कांग्रेस के गठबंधन को दिखाया गया था।

चुनाव आयोग ने 15 जिलों के चुनाव अधिकारियों को दैनिक जागरण के संपादकीय प्रभारियों के खिलाफ अलग-अलग आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए कहा था। जागरण के ऑनलाइन संपादक शंशाक शेखर त्रिपाठी को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था और बाद में उन्हें स्थानीय कोर्ट में जमानत मिलने पर छोड़ दिया गया।