नागपुर: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने उन्हें राष्ट्रपति बनाए जाने को लेकर चल रही अटकलों पर रोक लगा दी। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि वह राष्ट्रपति नहीं बनना चाहते और अगर ऐसा प्रस्ताव आता भी है तो उन्हें स्वीकार नहीं होगा। मोहन भागवत ने बुधवार को कहा, “वह राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल नहीं हैं। मीडिया में जो चल रहा है वह नहीं होगा। राष्ट्रपति बनने का प्रस्ताव आता भी है तो हमें स्वीकार नहीं होगा।”

बता दें कि राष्ट्रपति पद की दौड़ में मोहन भागवत का नाम शिवसेना की ओर से शामिल किया गया था। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा था कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए राष्ट्रीय मोहन भागवत राष्ट्रपति पद के लिए अच्छी पसंद होंगे। उन्होंने कहा था, “यह देश में शीर्षतम पद है। बेदाग छवि वाले किसी व्यक्ति को इस पर आसीन होना चाहिए। हमने सुना है कि राष्ट्रपति पद के लिए भागवत के नाम पर विचार चल रहा है।” उन्होंने कहा था, “यदि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है तो भागवत राष्ट्रपति के पद के लिए अच्छी पसंद होंगे। लेकिन (उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करने का) फैसला उद्धवजी द्वारा किया जाएगा।”

इस साल जुलाई में आयोजित होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना का वोट भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाला है। शिवसेना के सांसद संजय राउत ने जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव पर बातचीत के लिए भाजपा को ‘मातोश्री’ आने को कहा है। भाजपा के सूत्रों के अनुसार राष्ट्रपति चुनाव के लिए पार्टी को 20,000 से 25,000 वोटों की कमी हो सकती है। राउत ने भाजपा की ओर से शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को दिल्ली बुलाकर चुनाव की रणनीति तैयार करने की खबरों का खंडन किया है। उन्होंने भाजपा से मातोश्री आने को कहा है। उन्होंने इस ओर भी इशारा किया कि साल 2007 और साल 2012 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए शिवसेना के समर्थन पर बातचीत ‘मातोश्री’ में ही हुई थी।