सूर्य नमस्कार को नमाज से जोड़ना ग़लत
योगी आदित्य नाथ के बयान पर मौलाना साजिद रशीदी की प्रतिक्रिया
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने बुधवार को योग महोत्सव के दौरान कहा कि सूर्य नमस्कार और नमाज दोनों मिलते-जुलते हैं, इनकी क्रियाएं एक समान हैं। लेकिन योगी के बयान से मौलाना साजिद रशीदी ने सहमत होने से इनकार किया है। मौलाना साजिद रशीदी का कहना है कि योग और नमाज बिल्कुल अलग हैं, इन्हें एक दूसरे से जोड़ना गलत है। यह बात मौलाना ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कही।
चैनल पर पहले योग गुरु बाबा रामदेव से योगी आदित्य नाथ के बयान का बचाव करते हुए कहा है कि सूर्य नमस्कार और नमाज एक जैसे ही हैं। बाबा रामदेव ने लाइव सूर्य नमस्कार करके भी दिखाया और कहा कि टीवी एंकर खुद फैसला कर लें कि नमाज और सूर्य नमस्कार एक हैं कि नहीं? साथ ही रामदेव ने कहा था कि हिंदू धर्म और इस्लाम दोनों ही एक ही ईश्वर में यकीन रखते हैं और दुनिया के सभी धर्मों का मूल एक है।
लेकिन मौलाना साजिद रशीदी ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया। मौलाना ने भी चैनल पर लाइव नमाज पढ़कर दिखाई। मौलाना ने कह, ‘योगी जी ने नमाज के साथ जो जोड़ा है। मैं खुद नमाज करके दिखाता हूं। आप खुद इंसाफ कीजिएगा कि यह कितना योग से मिलता है। आप खुद ही फैसला करें कि इसे योग के साथ या फिर सूर्य नमस्कार के साथ जोड़ना कितना सही है।’
लाइव नमाज पढ़ते हुए मौलाना ने कहा, ‘हमारे नमाज पढ़ने और सूर्य नमस्कार या योग का तरीका बिल्कुल अलग है। दोनों में अलग-अलग क्रियाएं हैं।’ साथ ही उन्होंने कहा कि नमाज हम लोग अल्लाह का आदेश है और यह हमें अल्लाह से जोड़ती है। अल्लाह से जुड़ने के साथ ही, नमाज पढ़ने से व्यायाम भी होता है। अगर नमाज को इस नजरिए से भी सोचा जाता है कि इसके जरिए आप व्यायाम भी कर रहे हैं तो इसें कुछ गलत नहीं है।’