लोकतंत्र की पहली बाध्यता पारदर्शिता और जबावदेही है: विजय पाठक
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश के विकास सुशासन, सुदृढ़ कानून व्यवस्था के स्पष्ट संदेश से जनमानस में विश्वास की बहाली के लिए प्रदेश सरकार को साधूवाद दिया। प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक ने मुख्यमंत्री द्वारा मंत्रियों और अफसरों को चल-अचल सम्पत्ति की घोषणा के निर्देश को प्रभावी पारदर्शी लोकतंत्र और जबावदेह सरकार का निर्णय बताया।
श्री पाठक ने कहा कि लोकतंत्र की पहली बाध्यता पारदर्शिता और जबावदेही है। विगत 15 वर्षो से लोकशाही के पेंच इतने ढीले छोड़ दिए गये थे कि जनता का इकबाल सरकारी तंत्र से उठ गया था, जिसे फिर से बहाल करना चुनौती थी। सरकार ने विश्वास बहाली के लिए सार्थक पहल की है। पुलिस प्रशासन का बदला हुआ रंग ढंग कानून व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के रूप में दिखने लगा है।
श्री पाठक ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी के स्वच्छ भारत अभियान को प्रभावी बनाने के लिए अफसरों को दिलाई गई स्वच्छता की शपथ के साथ ही मुख्यमंत्री ने राजनीतिक सामाजिक और दायित्व के प्रति शुचिता को पुष्ट करने के लिए कदम बढ़ा दिया है। मंत्रियों और नौकरशाहों से सम्पत्ति का ब्योरा मांग कर मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जी के संकल्प ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ को आगे बढ़ाया है।
श्री पाठक ने कहा कि सपा सरकार में अटकी केन्द्र की योजनाएं भी अब जनकल्याण के लिए तेज गति से चलेगी। प्रदेश सरकार भाजपा के जनकल्याण संकल्प पत्र को मूर्तरूप देने की दिशा में आगे बढ़ी है। भय, भूख, भ्रष्टाचार के विरूद्ध शंखनाद करती उ0प्र0 सरकार जनकल्याण के पथ पर आगे बढ़ रही है। योगी जी के नेतृत्व में विकास, सृजन, उत्थान और खुशहाली से प्रदेश को अग्रणी बनाकर उत्तम प्रदेश बनाने के अटल जी के स्वप्न को साकार करने का संदेश स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रहा है।