सुलतानपुर: धरी रह गयी दावेदारी, नही मिला मंत्री पद
सुलतानपुर। जिले की चर्चित सीट सदर सीट राजनैतिक टोटके के हिसाब से माना
जाता है कि इस पर जिस पार्टी का विधायक बनता है प्रदेश में सरकार उसी की
बनती है। यहां से भाजपा ने परचम लहराया तो सरकार भी बन गयी। सबकी निगाहें
इसी सीट पर गडी थीं कि इस विधानसभा को मंत्री पद की सौगात भी मिलेगीे,
लेकिन यह अनुमान धरा का धरा रह गया।
सदर विधायक सीताराम वर्मा स्वामी प्रसाद मौर्य का खासम खास माना
जाता है। इन्होंने बसपा का दामन छोड़कर भाजपा का दामन पकड़ा था और सदर से
जीत भी हासिल की। ये उसी सीट से विधायक हैं जहां माना जाता है की जो
पार्टी का विधायक जीतता है उसी की प्रदेश में सरकार बनती है। बहरहाल इनकी
दावेदारी भी धरी रह गई। नव निर्वाचित विधायक सीता राम वर्मा को भी उम्मीद
थी की उन्हे शायद मंत्री पद से नावाजा जाय लेकिन उम्मीद धरी की धरी रह
गयी। बहरहाल यहां के समर्थकों का मानना है कि विधायक सीता राम वर्मा के
मंत्री की गद्दी जरूर मिलेगी। कुछ यही हाल लंभुआ विधानसभा का भी है। जहां
के विधायक देवमणि के बारे में भी कयास लगाया जा रहा था कि इन्हंे मंत्री
मण्डल में शामिल किया जाएगा। समर्थकों का कहना है कि इन दोनो सीटों पर
मुख्यमंत्री ने नजरें इनायत नही की हैं।