संकल्प पत्र के वादों को गम्भीरता से लागू किया जाए: आदित्यनाथ योगी
मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को स्वच्छता-शपथ दिलाई
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने कहा है कि लोक कल्याण संकल्प पत्र-2017 में किए गए वादों पर विश्वास करके राज्य की जनता ने इतने बड़े बहुमत के साथ सरकार बनाने का काम किया है। इसलिए संकल्प पत्र के सभी बिन्दुओं को पूरी गम्भीरता एवं संवेदनशीलता के साथ लागू किया जाए। उन्होंने नई कार्य संस्कृति विकसित करने के लिए अधिकारियों से 15 दिनों में अपनी सम्पत्तियों का विवरण निर्धारित प्रारूप पर उपलब्ध कराने तथा अपराधियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने एवं जनसामान्य को सम्मानपूर्ण जीवन जीने के लिए उपयुक्त माहौल बनाने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री आज यहां लोकभवन में सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों का आह्वान किया कि प्रदेश में संवेदनशील, जवाबदेह, ऊर्जावान एवं प्रगतिशील व्यवस्था देने के लिए संकल्पित हों। भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टाॅलरेन्स की नीति अपनाने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि संवेदनशील एवं ईमानदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों की तैनाती की जाए। पक्षपात रहित काम करने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक विभाग का सिटीजन चार्टर तैयार किया जाना चाहिए, ताकि आम आदमी को राज्य सरकार की सेवाएं निर्धारित समय एवं व्यवस्था के अनुरूप मिल सकें।
प्रदेश में कानून-व्यवस्था का जिक्र करते हुए योगी ने अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए कहा कि थानों एवं तहसीलों जैसी प्रशासनिक इकाइयों को राजनैतिक दबावों से मुक्त रखा जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की लगभग 90 फीसदी जनता की आवश्यकताओं की पूर्ति थानों एवं तहसीलों के माध्यम से ही होती है, इसलिए इन पर विशेष निगाह रखी जाए। कृषि क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान समय से किया जाए। अनाजों के उत्पादन के सुरक्षित भण्डारण के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही, कृषि आधारित उद्योग-धन्धों को बढ़ावा देने के लिए गम्भीरता से काम किया जाए।
प्रदेश में बेहतर औद्योगिक वातावरण बनाने तथा नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जरूरी निर्णय लेने का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंगल विण्डो सिस्टम की व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही, केन्द्र सरकार द्वारा संचालित स्टार्टअप एवं कौशल विकास योजनाओं को भी प्रभावी रूप से लागू किया जाए, जिससे प्रदेश में निवेश का वातावरण बन सके। प्रधानमंत्री के स्वच्छता मिशन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश इस मामले में अन्य प्रदेशों की अपेक्षा काफी पीछे छूट गया है। राज्य के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छता का अभाव है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में सफाई कर्मियों की उपलब्धता के बावजूद स्वच्छता में लापरवाही बरती जा रही है, जिससे कई प्रकार की बीमारियां फैल रही हैं। इस दिशा में तत्काल कार्य करने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि दिसम्बर-2017 तक प्रदेश के 30 जनपदों में स्वच्छता मिशन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जाए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को स्वच्छता-शपथ दिलाते हुए भरोसा जताया कि उनके (अधिकारियों) स्तर से शपथ के अनुरूप कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। इससे पूर्व, उन्होंने सभी अधिकारियों से परिचय प्राप्त किया।
श्री योगी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रदेश का बजट तैयार करते समय लोक कल्याण संकल्प पत्र में दिए गए बिन्दुओं का ध्यान रखा जाए, जिससे जनता को समय से वादों के अनुरूप सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। उन्होंने अधिकारियों से भ्रष्टाचार एवं गुण्डाराज से मुक्त पारदर्शी प्रशासन देने के निर्देश देते हुए कहा कि टीम भावना से कार्य करते हुए प्रदेश को 5 वर्षों में अग्रणी राज्यों में शामिल करने का प्रयास किया जाए।
बैठक में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डाॅ0 दिनेश शर्मा एवं मुख्य सचिव श्री राहुल भटनागर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।