राज्यपाल ने मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्रियों एवं सभी मंत्रिगण को जलपान पर आमंत्रित किया

लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा सहित मंत्रिमण्डल के सदस्यों को राजभवन में जलपान पर आमंत्रित किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर सबसे अलग-अलग परिचय प्राप्त कर उन्हें शाल व अपनी पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ की प्रति देकर सम्मानित भी किया।

राज्यपाल ने उपस्थित अतिथियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि जनता के जनादेश से प्रदेश में नयी सरकार का गठन हुआ है। जितना अधिक समर्थन, अधिक शक्ति, उतनी ही जिम्मेदारी भी अधिक होती है। कोशिश करें कि जनता की अपेक्षाओं पर खरें उतरें। जनता के प्रति अपनी जवाबदेही तय करें। समय पर कार्य निस्तारित करें तथा कल के कार्य की तैयार पूर्व में ही कर लें। आम जनता से निरन्तर संवाद बनाये रखें। सामाजिक जीवन में अपने व्यवहार में शुचिता लायें। मंत्रिपद की शपथ का स्मरण रखते हुये अपने व्यवहार एवं कार्य में पारदर्शिता बनाये रखें। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने का सबका सपना पूरा करने के लिये नयी सरकार प्रयास करे।
श्री नाईक ने इस अवसर पर अपने राजनैतिक जीवन के संस्मरण तथा राज्यपाल पद के अपने अनुभव भी साझा किये। राज्यपाल ने कहा कि अपने संवैधानिक दायित्वों के निर्वहन की दृष्टि से उन्होंने प्रदेश में राज्य विधान सभा के नाम निर्देशनः, लोकायुक्त की नियुक्ति, लोकायुक्त के विशेष प्रतिवेदनों पर राज्य सरकार से स्पष्टीकरण ज्ञापन, विधायकों की सदस्यता समाप्ति का आदेश, अध्यादेश एवं विधेयकों पर की गयी कार्यवाही, अवैध कब्जों के संबंध में श्वेत पत्र जारी करने के निमित्त संविधान के अनुरूप कार्यवाही की। उन्होंने कहा कि पद की गरिमा को बनाये रखना आवश्यक है।

राज्यपाल ने कार्यक्रम में सम्बोधित करते हुये अपने ढाई वर्ष के कार्यकाल में आमजन से मुलाकात, लखनऊ में सम्पन्न सार्वजनिक कार्यक्रम एवं लखनऊ के बाहर के सार्वजनिक कार्यक्रमों, जनता से प्राप्त पत्रों, मुख्यमंत्री एवं मंत्रिगण को लिखे गये पत्र, सभी वर्गों एवं समुदायों सहित मीडिया से निरन्तर संवाद, जनहित से जुडे़ छोटे से छोटे मुद्दे की ओर ध्यान आकृष्ट करने, उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि के लिये किये गये प्रयास एवं अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों के बारे विस्तार से जानकारी दी।

मुख्यमंत्री श्री आदित्य नाथ योगी ने राज्यपाल की कार्य प्रणाली का समर्थन करते हुये कहा कि श्री नाईक के लम्बे राजनैतिक एवं सामाजिक जीवन से बहुत कुछ सीखने की प्रेरणा मिलती है। मुख्यमंत्री ने प्रशंसा करते हुये कहा कि संसद में राष्ट्रगान एवं राष्ट्रगीत के गायन की शुरूआत श्री नाईक के प्रयास से शुरू हुई। इसी प्रकार विकास के निमित्त सांसद निधि की स्थापना तथा उसका उपयोग कैसे हो, में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया। प्रदेश सरकार सुशासन और जनता की अपेक्षा पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगी। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास होगा कि सबका साथ सबका विकास हो।

कार्यक्रम में मुख्य सचिव श्री राहुल भटनागर, प्रमुख सचिव राज्यपाल सुश्री जूथिका पाटणकर, राजभवन के अधिकारी सहित अन्य विशिष्टजन भी उपस्थित थे।