लखनऊ: लखनऊ में 5 कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर सोमवार को सूरज की पहली किरण के साथ ही साधु, संन्यासी और पुजारी नजर आए. मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास का शुद्धिकरण कराया गया. गेट पर हल्दी से 'स्वास्तिक' और 'ऊँ' बनाया गया है. पूजन के अलावा वास्तु की दृष्टि से भी सब अनुकूल करने की प्रक्रिया की गई. यहां अब नेम प्लेट लग गई है. मुख्य द्वार के दाहिनी ओर मुख्यमंत्री आवास लिखा है तो बांयी ओर आदित्यनाथ योगी, मुख्यमंत्री लिखा है.

इसी आवास में सपा मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पांच साल रहे थे. पांच बार गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ अभी वीवीआईपी गेस्ट हाउस में रुके हुए हैं. शपथ लेने के बाद भी वह गेस्ट हाउस ही आए. मुख्यमंत्री आवास पर पूजा-अर्चना करने के लिए गोरखपुर और इलाहाबाद के पांच पुरोहित आए थे.

एक पुरोहित ने कहा कि गृह प्रवेश से पहले लक्ष्मी-गणेश का पूजन किया जाता है. इसमें कोई विशेष बात नहीं है. लोहे के गेट पर सफेद पेंट है. इसे फूलों से सजाया गया है. भीतर हरी घास का लॉन है और किस्म-किस्म के रंग बिरंगे पौधे भी हैं. सीएम आवास को नए सिरे से सजाया संवारा जा रहा है.

गोरखनाथ मंदिर नाथ परंपरा का है. गोरखनाथ 11वीं सदी के महान संत और योगी थे. उन्होंने भारत भ्रमण किया था. गोरखनाथ परंपरा में जातिवाद नहीं चलता, इसलिए गैर ब्राह्मण भी महंत बन सकते हैं। मंदिर के मुख्य पुरोहित आदित्यनाथ राजपूत हैं. महंत अवैद्यनाथ के निधन के बाद उन्होंने 2014 में गद्दी संभाली. मंदिर परिसर में बड़े पैमाने पर सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियां होती हैं.