सरकार बनते ही बीजेपी की ओर से उठी देवबंद को देव वृंद की मांग
नई दिल्ली: नए बीजेपी विधायक बृजेश सिंह की मांग- देवबंद का नाम देव वृंद करो, दलील दी कि महाभारत काल से है इस शहर का संबंधदेवबंद शहारनपुर जिले की सीटों में से एक है। उसकी कुल जनसंख्या में से 65 प्रतिशत लोग मुसलमान हैं।
उत्तर प्रदेश में देवबंद सीट से जीते विधायक बृजेश सिंह ने अपनी विधानसभा सीट का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने उसको बदलकर देव वृंद करने की मांग की है। बृजेश सिंह ने इलाके के महाभारत काल से जुड़े होने के दावे किए हैं। बृजेश सिंह का कहना है कि इलाका दारुल ऊलूम देवबंद से ज्यादा महाभारत से जुड़े होने की वजह से मशहूर है। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बृजेश सिंह ने कहा, ‘देवबंद की जगह यह इलाका हमेशा देव व्रन्द नाम से मशहूर रहा। यहां पर महाभारत की राखहांडी है, पांचों पांडवों ने यहीं पर पूजा की थी। गांव में ही जरवाला नाम से जगह है जो कि असल में यक्षवाला है। जहां पर यक्ष ने युधिष्ठिर के प्रश्न पूछे थे।’
देवबंद सहारनपुर जिले की सीटों में से एक है। उसकी कुल जनसंख्या में से 65 प्रतिशत लोग मुसलमान हैं। बृजेश सिंह ने वहां पर बसपा के माजिद अली को 29,415 वीटों से हराकर जीत दर्ज की है। बृजेश सिंह ने यह बात होली मिलन के एक कार्यक्रम के दौरान कही थी। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने ट्रिपल तलाक के मामले पर जो पक्ष रखा उसकी वजह से मुस्लिम महिलाओं ने उनको वोट दिया। बृजेश सिंह ने यह भी कहा कि अगर मुस्लिम महिला उनको वोट नहीं देतीं तो वह इतने ज्यादा वोटों से नहीं जीत पाते। बृजेश सिंह ने कहा, ‘मेरी मुस्लिम बहनें मोदी जी के साथ हैं और वो भी चाहती हैं कि ट्रिपल तलाक बंद हो।’
देवबंदी आंदोलन की शुरुआत 1857 में हुए स्वतंत्रता संग्राम के बाद हुई थी। उसकी शुरुआत इस्लामिक विद्वान शाह वलीउल्लाह देहवाली ने की थी। उन्होंने कहा था कि मुस्लिम लोग इस्लाम के पथ से भटक गए हैं और इस वजह से ही मुगल साम्राज्य का पतन हो रहा है।
2002 से विधानसभा चुनाव 2017 से पहले तक देवबंद सीट पर समाजवादी पार्टी या फिर बहुजन समाज पार्टी का कब्जा रहा। इससे पहले 1993 और 1996 में बीजेपी भी जीती थी। उससे पहले तक देवबंद पर कांग्रेस की पकड़ थी। 2017 में सपा और बसपा में वोटों के बंटवारे का फायदा केसरिया पार्टी को मिला।