मणिपुर: बीरेन सिंह ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ
इंफाल: मणिपुर में पहली बार बीजेपी की सरकार बन गई है. राज्यपाल नजमा हेपतुल्लाह ने बीजेपी नेता एन. बीरेन सिंह को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. एनपीपी नेता यूमनाम जयकुमार सिंह डिप्टी सीएम बने हैं. उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 21 सीटें हासिल हुईं, जबकि कांग्रेस ने उससे 7 सीटें अधिक यानी 28 सीटों पर जीत दर्ज की. लेकिन बीजेपी ने 60-सदस्यीय विधानसभा में 33 विधायकों के समर्थन का दावा किया है. हालांकि रविवार को कांग्रेस ने भी सरकार बनाने का दावा पेश किया था, लेकिन राज्यपाल ने कहा कि वह बीजेपी के दावे से सहमत हैं.
बीरेन सिंह को सोमवार को सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया था और उन्होंने राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला से मुलाकात कर राज्य में अगली सरकार बनाने का दावा पेश किया था. इबोबी सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री बीरेन ने मणिपुर की सेवा करने का मौका देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेतृत्व का आभार जताया. उधर, राज्य में सरकार गठन को लेकर अदालत जाने के बारे में कांग्रेस ने कहा है कि उसने अपने सभी विकल्प खुले रखे हैं.
बीरेन सिंह को सरकार बनाने का निमंत्रण ऐसे दिन दिया गया, जब एनडीए में शामिल नगा पीपुल्स फ्रंट के चार सदस्यों ने राज्यपाल से मुलाकात की और सरकार गठन के लिए बीजेपी को अपना समर्थन देने की घोषणा की.
राजभवन सूत्रों के मुताबिक नगा पीपुल्स फ्रंट के चार विधायकों ने राज्यपाल से मुलाकात की और सरकार गठन के लिए भाजपा को अपना समर्थन देने की घोषणा की. भाजपा ने 60-सदस्यीय विधानसभा में 32 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया है. गोवा के बाद मणिपुर दूसरा ऐसा राज्य है, होगा जहां हालिया संपन्न विधानसभा चुनाव में सबसे बड़े दल के रूप में नहीं उभरने के बाद भी भाजपा की गठबंधन सरकार बन गई है.
मणिपुर एवं गोवा में सरकार बनाने के प्रयासों को लेकर कांग्रेस की आपत्तियों को खारिज करते हुए भाजपा ने कहा कि कांग्रेस संख्या जुटाने में विफल रही है तथा अपने पूर्व के कर्मों के कारण उसे विरोध करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने संसद परिसर में कहा, 'कांग्रेस ने विगत में कई बार अधिकारों और अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग कर गैर कांग्रेसी सरकार को गिराया है. उसने सबसे बड़े दल को सरकार नहीं बनाने दी. उनके पास आलोचना करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.