लखनऊ: यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव ने विधानसभा चुनाव मिली करारी हार पर कहा है कि अगर सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं किया होता तो राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार दोबारा बनती। होली के मौके पर मुलायम सिंह यादव सैफई पहुंचे थे, जहां उन्होंने मीडिया से कहा, “हम पहले ही गठबंधन के विरोध में थे और सबके सामने कहा था कि इससे कोई फायदा नहीं होगा। इसलिए गठबंधन का प्रचार भी नहीं किया। सपा को अपने बूते अकेले चुनाव लड़ना चाहिए था।”

सपा की हार पर बोलते हुए मुलायम ने कहा, “उन्होंने बड़ी मेहनत से पार्टी बनाई है। सबने संघर्ष किया। हमने 2012 में बेटे को सत्ता सौंपी थी। यह भाजपा की विचित्र जीत है और सपा की विचित्र हार है।” बता दें यूपी की 403 विधानसभा सीटों में से सिर्फ सपा-कांग्रेस गठबंधन को 56 सीटों पर जीत मिली थी, वहीं भाजपा और इसके सहयोगी दल 325 सीटों पर कब्जा जमाने में कामयाब रहे।

सफई में बोलते हुए मुलायम यादव ने कहा, “हमारे लोग समझ नहीं पाए कि उप्र में कांग्रेस को कोई पसंद नहीं करता। गठबंधन करने की क्या जरूरत है। मुलायम ने शिवपाल के इस बयान पर सहमति जताई कि गठबंधन के घमंड के कारण हार हुई।” वहीं बहू अपर्णा यादव की हार पर मुलायम सिंह यादव ने कहा, “लखनऊ कैंट की सीट बेकार थी। वहां यादव वोटर बहुत कम हैं। चलो कोई बात नहीं, उसको अनुभव हो गया। बेटी ही है।”
यूपी विधानसभा चुनावों से ठीक पहले समाजवादी पार्टी में अंदरूनी कलह ने मीडिया में खूब सुर्खियां बंटोरी थी। पार्टी में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मुलायम सिंह के खेमे में बंटी दिखी थी। इस कहल के वजह से चुनाव में पार्टी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। चुनावी नतीजों के अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा किसान को पता ही नहीं होता कि उसे क्या मिलने जा रहा है, गरीब को अक्सर पता ही नहीं होता कि वह क्या चाहता है। अखिलेश ने कहा कि शायद जनता को एक्सप्रेस-वे पसंद नहीं आया, यूपी की जनता को बुलेट ट्रेन का वादा पसंद आया, जिसके लिए भाजपा को वोट दिया।