लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सत्ता हस्तांतरण के स्पष्ट संकेत मिलते ही लखनऊ में सचिवालय में हलचल तेज हो गई है। सचिवालय के बाहर बड़ी संख्या में फटी फाइलें बोरे में बंद मिली हैं। माना जा रहा है कि सरकार बदलने का संकेत मिलते ही अधिकारियों ने इन फाइलों का निपटारा करना ही बेहतर समझा। वैसे हर चुनाव खासकर सत्ता हस्तांतरण के मौकों पर सचिवालय में ऐसा होता आया है। अखिलेश यादव की सरकार में गायत्री प्रजापति समेत कई मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। माना जा रहा है कि उनसे संबंधित फाइलों को अधिकारी ठिकाने लगा रहे हैं।

सात चरणों में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के नतीजों और रुझानों से स्पष्ट हो गया है कि अब राज्य में भाजपा की सरकार बनने जा रही है। भाजपा 310 से ज्यादा सीटें जीतकर राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। 15 सालों के बाद भाजपा की उत्तर प्रदेश सरकार में वापसी हो रही है। इससे पहले साल 2002 तक यूपी में भाजपा का शासन था और तब राजनाथ सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। फिलहाल समाजवादी पार्टी की सरकार है और अखिलेश यादव राज्य के मुख्यमंत्री हैं। 403 सदस्यों वाले यूपी विधान सभा में समाजवादी पार्टी 55 सीटों तक सिमटती नजर आ रही है, जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस 10 सीट तक सिमटती नजर आ रही है।
साल 2012 के विधान सभा चुनावों में समाजवादी पार्टी ने 224 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। पिछले चुनावों में बसपा को 80, बीजेपी को 47, कांग्रेस को 28, रालोद को 9 और अन्य को 24 सीटें मिलीं थीं।